कलक्ट्रेट बार अध्यक्ष साजिश व साक्ष्य मिटाने के आरोपी

आगरा: बैंक प्रबंधक सचिन उपाध्याय हत्याकांड में फरार कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता बिजेंद्र रावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं. पुलिस ने अभी तक की अपनी जांच के बाद उनकी बेटी प्रियंका को मुख्य हत्यारोपी माना है. उन्हें आपराधिक षड्यंत्र और साक्ष्य नष्ट करने का आरोपित बनाया है. दोनों का जेल जाना तय है. अधिकारियों ने सचिन के परिजनों को यही आश्वासन दिया है. बताया है कि जल्द ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों से क्राइम सीन रिक्रिएशन कराया जाएगा. यह हत्या अकेले पत्नी प्रियंका नहीं कर सकती. साला कृष्णा भी गला घोंटने में शामिल रहा होगा.
रामरघु एग्जॉटिका कालोनी (ताजगंज) निवासी सचिन उपाध्याय की 11 की रात हत्या हुई थी. 12 की शाम खुदकुशी की सूचना पुलिस को दी गई. 13 को पोस्टमार्टम हुआ. पोस्टमार्टम में मामला हत्या का निकला. गला घोंटा गया था. जलाया भी गया था. 18 को हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ. ससुर बिजेंद्र रावत, साला कृष्णा रावत और पत्नी प्रियंका उर्फ मोना को नामजद किया गया. कृष्णा रावत जेल में है. पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा था. ससुर ब्रिजेंद्र रावत और पत्नी प्रियंका फरार हैं.

बहू बात-बात पर करती थी क्लेश
केशव देव शर्मा ने बताया कि बहू के व्यवहार को वे अच्छे से जानते हैं. उसके व्यवहार के कारण घरवाले सचिन के घर नहीं जाया करते थे. बहू उनके पहुंचते ही क्लेश शुरू कर देती थी. सास-ससुर के पैर तक नहीं छूती थी. बेटा चोरी छिपे उनसे बात किया करता था. मिलने भी आता था. बहू इस बात पर क्लेश किया करती थी. उसे लगता था कि सचिन पता नहीं अपने घरवालों को क्या नहीं देता है. जिस घर में वे रह रहे थे वे भी उन्होंने खरीदा था. बहू के घरवाले हमेशा उसकी साइड लेते थे. कभी अपनी बेटी को नहीं समझाया. यही बोलते थे कि आने से पहले फोन करके पूछ लिया करो.
जल्द होगी गिरफ्तारी
पुलिस के मुताबिक बिजेंद्र रावत ने कुछ नहीं किया होता तो पुलिस से भागते नहीं. जांच में पुलिस की मदद करते. मोबाइल बंद करके भूमिगत हो गए हैं. पुलिस ने जांच के दौरान कई साक्ष्य जुटाए हैं. हत्यारोपी कितना भी सच छिपा लें. पुलिस वैज्ञानिक तरीके से उसे पता लगाएगी. विधि विज्ञान प्रयोगशाला पत्र लिखा गया है. वैज्ञानिकों की टीम के साथ क्राइम सीन रिक्रिएशन किया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ सचिन के पिता केशव देव शर्मा डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय से मिले थे. डीसीपी ने उसे विश्वास दिलाया कि दोनों हत्यारोपी जेल जाएंगे. पुलिस पर कोई दबाव नहीं है.