मेडिकल कॉलेज बनने से छिनी आयुष्मान मरीजों की सुविधाएं

प्रतापगढ़: केंद्र और राज्य सरकारी की प्राथमिकता वाली आयुष्मान भारत योजना में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज बनते ही कम हो गईं, जबकि शासन ने पहले से बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए. हैरानी की बात यह है कि पांच लाख तक के इलाज का बीमा रखने वाले आयुष्मान मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं करीब-करीब खत्म हो गई हैं. अब एक रुपये के पर्चे पर भर्ती होने वाले मरीजों के बीच आयुष्मान मरीजों को भी भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
जिला अस्पताल की बिल्डिंग, उपकरण, स्टॉफ को शासन ने मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया. इससे जिला अस्पताल की व्यवस्था उच्चीकृत होकर मेडिकल कॉलेज के स्तर की हो गईं. सर्जरी से लेकर पैथोलॉजी व ब्लड बैंक तक में सुविधाएं पहले की अपेक्षा काफी बेहतर हो गईं, लेकिन आयुष्मान कार्डधारी मरीजों की सुविधाएं बढ़ने की बजाय कम होती जा रही हैं. जिला अस्पताल की व्यवस्था में आयुष्मान वार्ड में दो एसी, खिड़कियों व दरवाजे पर पर्दे, अलग से नर्सिंग स्टॉफ नियुक्त थे लेकिन जिला अस्पताल को मेडिकल कॉलेज में मर्ज करते ही वार्ड से दोनों एसी निकाल दिए गए. फिर दरवाजे के पर्दे भी हट गए. अब वार्ड के बाहर कागज पर आयुष्मान वार्ड लिखकर चस्पा कर दिया गया है लेकिन वार्ड के भीतर आयुष्मान कार्ड वाले मरीज कम और एक रुपये के पर्चे पर भर्ती होने वाले सामान्य मरीज अधिक रहते हैं.

आयुष्मान वाले मरीजों के लिए आयुष्मान वार्ड बना है. इलाज में किसी को कोई परेशानी नहीं है. पहले क्या सुविधाएं मिलती थीं यह मुझे नहीं मालुम. -डॉ. शौभाग्य प्रकाश
सीएमएस मेडिकल कॉलेज
आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों के लिए अलग से साफ सुथरा वार्ड होना चाहिए. वार्ड में सभी सुविधाएं ऐसी होनी चाहिए जिससे मरीज को महसूस हो कि उसका बीमा की रकम से विशेष इलाज किया जा रहा है न कि मुफ्त में किया जा रहा है. -डॉ. सुधाकर सिंह, जिला प्रोग्राम कोआर्डिनेटर आयुष्मान भारत
मरीजों से हर महीने हो रही ढाई लाख की आमदनी
आयुष्मान कार्ड वाले मरीज के इलाज पर पांच लाख रुपये तक का बीमा होता है. हर बीमारी का पहले से अलग पैकेज तय है. जैसे पथरी का आपरेशन करने पर मेडिकल कॉलेज के खाते में 31 हजार 100 रुपये और हार्निया का आपरेशन करने पर 21 हजार रुपये आयुष्मान कार्ड से मिलते हैं. मेडिकल कॉलेज हर महीने करीब 70 आयुष्मान मरीज का आपरेशन करता है और इसके बदले से करीब ढाई लाख रुपये मिलते हैं.