जमीन निबंधन की नई तकनीक का ट्रायल शुरू

नालंदा: जमीन निबंधन की नई तकनीक का ट्रायल से शुरू कर दिया गया है. सॉफ्टवेयर नया होने के कारण अभी त्रटियां आ रही हैं. हालांकि, अधिकारी व कर्मी त्रुटियों को दूर करने में जुटे हैं.
नई तकनीक से जमीन निबंधन का काम पहले की अपेक्षा काफी आसान हो जाएगा. ही दिन में हर हाल में सारे कार्य हो जाएंगे. ऐसे में ही व्यक्ति को निबंधन के लिए कई दिन कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. कार्यों में अधिक पारदर्शिता आएगी. खरीद-बिक्री करने वालों के साथ ही अधिकारियों व कर्मियों को सहूलियत होगी. नई तकनीक के सफलतम प्रयोग से दिन में ही जमीन निबंधन के सभी कार्य पूर्ण होकर उसी दिन डीड दे दी जाएगी. विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है.
सॉफ्टवेयर अपग्रेड का ट्रायल नालंदा में भी शुरू हो गया है. ट्रायल के कुछ दिनों के बाद नये सॉफ्टवेयर से ही निबंधन कार्य होंगे.

नये सॉफ्टवेयर से बिचौलियों पर लगेगी रोक
नालंदा में तीन निबंधन कार्यालय हैं, बिहारशरीफ, राजगीर व हिलसा. सबसे अधिक बिहारशरीफ में हर दिन 70-80 डॉक्यूमेंट पेश होते हैं. अवर निबंधक अजय कुमार झा का कहना है नये सॉफ्टवेयर से काम शुरू होने से बिचौलियों पर रोक लगेगी. कार्यों में पारदर्शिता आएगी. जमीन खरीदने वाले स्वयं भी कागजात ऑनलाइन कर सकेंगे. इसके बाद मॉडल डीड स्वयं तैयार कर पेश कर सकेंगे.
17 साल पुराना है वर्तमान सॉफ्टवेयर
वर्तमान में जमीन निबंधन से जुड़ा सॉफ्टवेयर 17 साल पुराना है. इतने सालों में विभाग ने बहुत से कार्यों में सुधार किया है. सुधार की प्रक्रिया को देखते नई तकनीक के जरिये कार्य किये जाने का फैसला लिया गया है. वर्तमान में एनआईसी द्वारा तैयार किये गये सॉफ्टवेयर पर काम चल रहा है.