कूड़े की दुर्गंध से घरों में रहना हुआ मुश्किल

रेवाड़ी: नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल सातवें दिन भी जारी रही. हालांकि, इससे पहले से साफ-सफाई ठप है. इस वजह से जगह-जगह कूड़े के ढेर लग गए हैं. उससे उठने वाली दुर्गंध की वजह से लोगों को घरों में रहना मुहाल हो गया है. इस बीच, सफाई कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल को चार दिन और बढ़ा दिया है. अब 21 तक इसे जारी रखने का फैसला किया है.

मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल नगर पालिका कर्मचारी संघ इकाई के प्रधान रामसिंह सरासर ने बताया कि जब तक निगम अधिकारी उनकी मांगों को पूरा नहीं करते तब तक हड़ताल जारी रहेगी. निगम अधिकारियों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा उनमें नहीं निकला है. निगम ने साढ़े तीन हजार अस्थायी कर्मियों को हटा दिया गया.
निगम अधिकारी जब तक इन कर्मचारियों को काम पर वापस नहीं लेंगे तब तक हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि यूनियन नेताओं ने हड़ताल अब 21 तक बढ़ाने का फैसला लिया है.
आरोप निजी एजेंसियां कर रहीं खानापूर्ति
शहर के लोगों का आरोप है कि नगर निगम ने सात निजी एजेंसियों को शहर की सफाई का जिम्मा दिया हुआ है, लेकिन ये एजेंसियां सफाई का काम नहीं संभाल पा रही हैं. इस पर 80 करोड़ रुपये किए जा रहे हैं. एजेंसियों के कर्मियों को यह तक जानकारी नहीं है कि उन्हें कहां सफाई करनी है. आरोप लगाया कि निगम अधिकारियों ने पहले शहर की स्ट्रीट लाइट वाली एजेंसी का टेंडर रद्द करके शहर को अंधेरे में धकेला दिया और सफाई व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है.
महामारी फैलने का डर
सेक्टर-4 निवासी योगिता कटारिया ने बताया कि निगम अधिकारी सफाई व्यवस्था संभालने में नाकाम हैं. जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों के कारण महामारी फैलने का डर सता रहा है. घरों में बैठना तक दूभर हो गया है. वहीं सफाईकर्मी भी अपनी मनमानी कर रहे हैं. दिवाली के समय में शहर की यही दुर्दशा होती है.
कार्रवाई करे सरकार
सेक्टर-105 के गंगाराम का कहना है कि सफाई नहीं होने से लोगों को दिक्कतें बढ़ गई है. अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं. निजी एजेंसियों को टेंडर देकर सिर्फ राजस्व का दुरुपयोग किया गया है. ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए और हड़ताली कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.