प्रदूषण से जंग: गोरखपुर समेत आठ जिलों में लागू हुई एग्रीगेटर स्कीम

उत्तरप्रदेश | पराली का जो धुआं दिल्ली तक पहुंचता है, उसे रोकने के लिए यूपी सरकार ने विशेष तौर पर बरेली और गोरखपुर मंडल पर फोकस किया है. जहरीली धुंध न छाने पाए, इसके लिए शासन ने पराली प्रबंधन को एग्रीगेटर स्कीम की शुरुआत की है. यह योजना यूपी के 03 मंडलों के 08 जिलों में लागू की गई है.
इस योजना में (एफपीओ) कृषक उत्पादक संगठन को पराली प्रबंधन वाले यंत्रों की मशीनरी बैंक में 80 प्रतिशत कुल परियोजना लागत 83 लाख पर 67.40 लाख अनुदान मिलेगा. एग्रीगेटर योजना में एफपीओ को कृषि यंत्र, बेलर, रैकर व ट्राली दी जाएगी. वहीं, एफपीओ के तीन शेयर होल्डर सदस्यों को एक ट्रैक्टर, बेलर, रैकर व ट्राली मिलेगा. एग्रीगेटर योजना में मिलने वाले कृषि यंत्र पराली प्रबंधन में इस्तेमाल किए जाएंगे. इससे किसानों की दिक्कतें दूर होगी.

योजना में चयनित कृषक उत्पादक संगठन या एफपीओ को पांच साल तक आईओसी धुरियापार गोरखपुर और एचपीसीएल दातागंज बदायूं के साथ अनुबंध रखना होगा. एग्रीगेटर योजना बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, रामपुर, गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर में शुरू की गई है.
अब तक निरोधात्मक कार्रवाई पराली जलाने पर शाहजहांपुर जिले की तिलहर तहसील व पुवायां तहसील में दस हजार रुपये अर्थदंड वसूला गया. पुवायां तहसील में पराली जलाने की घटना पर दो किसानों को थाना लाया गया. प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक पुवायां, तिलहर, जलालाबाद में पांच कम्बाइन को थाना में खड़ा कराया गया. सदर में 2, जलालाबाद में 18, तिलहर में 21 कम्बाइन सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट एवं रोटावेटर के साथ चल रहे हैं.
गोरखपुर में आईओसी प्लांट
गोरखपुर में इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) धुरियापार में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगा रहा है. प्रतिदिन 230 टन कचरे से 28 टन बायोगैस बनाई जाएगी. यहां निकलने वाली बायोगैस को ‘इंडि ग्रीन’ नाम मिला है. इस प्लांट पर यहां पर 24 प्रतिशत नमी वाली पराली को 340 रुपये क्विंटल खरीदा जाना प्रस्तावित है. उम्मीद है कि धुरियापार का प्लांट इस सीजन में शुरू हो जाएगा.