28 अक्तूबर को शरद पूर्णिमा पर लगेगा साल का अंतिम चंद्रग्रहण

चंद्रग्रहण : साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्तूबर को लगेगा। यह देर रात 1:05 से 2:24 बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दिन शाम 4:06 बजे चंद्रोदय हो जाएगा। बरेली के ज्योतिर्विद डॉ. सौरभ शंखधर ने बताया कि चंद्रग्रहण का सूतक शाम 4:05 बजे से आरंभ हो जाएगा।

घर में मंत्र जपने से एक गुना, किसी मंदिर में जपने से 10 गुना, तीर्थ स्थान या किसी नदी के किनारे जपने से 100 गुना और ग्रहण काल में मंत्र जपने से उसका हजार गुना फल मिलता है। ग्रहण काल में मंत्रोच्चार के लिए माला की भी आवश्यकता नहीं होती। बिना माला के भी मंत्रों को सिद्ध किया जा सकता है और मंत्रों की शक्ति के आधार पर धन, वैभव और अपार संपदा प्राप्त की जा सकती है।
डॉ. शंखधर ने बताया कि जब तक जप चलता रहे, देसी घी का दिया जलाकर रखें। मेष, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के लिए नेष्ट, वृष, कन्या, कुंभ राशि के लिए मध्यम, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, मकर राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण श्रेष्ठ होगा।
सूतक काल : शाम 4 बजे से रात 02.26 बजे तक।
ग्रहण काल : रात 01.05 से 02.24 बजे तक ।
सूतक काल में न करें ये काम
सूतक काल में स्नान, दान, पुण्य कार्य, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस समय आप गुरु मंत्र, राहु और चंद्रमा के मंत्रों का जप कर सकते हैं। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्धजन भोजन कर सकते हैं। उन्हें दोष नहीं लगेगा। सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते या कुश डाल दें।
खीर में रखें तुलसी दल, नहीं प्रभावी होगा दोष
जिस दिन चंद्रग्रहण लगेगा, उसी दिन शरद पूर्णिमा है। डॉ. शंखधर ने बताया कि निर्णय सिंधु के अनुसार किसी भी भोजन पात्र में तुलसी दल रख दिया जाए तो उस पर ग्रहण का प्रभाव नहीं होता। ऐसे में खीर में तुलसी दल या कुश रखने से ये दोष प्रभावी नहीं होगा। ग्रहण शुरू होने से पहले रात आठ बजे खीर को खुले आसमान के नीचे रख दें और फिर ग्रहण लगने से पहले ही उसे हटा लें।
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