शपथग्रहण समारोह में बोले मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार आगामी दो से तीन महीने में कर्मचारियों को डीए की अदायगी करेगी। उन्होंने कहा कि डीए 12 प्रतिशत हो चुका है। राज्य सरकार अपने संसाधनों को विकसित कर रही है और कर्मचारियों के प्रति पूरी तरह से वचनबद्ध है, लेकिन अभी प्रदेश के आर्थिक हालात सामान्य नहीं हैं। स्थिति संभलते ही कर्मचारियों के लिए राज्य सरकार बड़े फैसले लेगी। पूर्व सरकार ने सभी दायित्व मौजूदा सरकार पर थोप दिए हैं। मुख्यमंत्री बुधवार को राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के शपथग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि फाइव डे वीक पर भी सरकार विचार करेगी।

ओल्ड पेंशन लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य की ग्रांट बंद कर दी है। ओल्ड पेंशन से पहले राज्य को 1780 करोड़ रुपए की स्पेशल ग्रांट मिलती थी। उस पर केंद्र सरकार ने कट लगा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाइका, विश्व बैंक और एडीबी से जो प्रोजेक्ट आते हैं, पहले उसकी कोई लिमिट नहीं थी, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद बीते दस महीने में लिमिट को तीन साल तक 2900 करोड़ रुपए कर दिया गया है। ऐसे में राज्य सरकार हर साल 900 करोड़ रुपए ले सकती है या फिर एकमुश्त 2900 करोड़ रुपए के विकास कार्य शुरू करवा सकती है।
सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य में आई आपदा का राजस्व पर बड़ा असर देखने को मिला है। आपदा से 16 हजार घर प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार ने जिन परिवारों के घर बहे हैं, उन्हें दस लाख रुपए राज्य आपदा कोष से देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक राज्य में आपदा राहत कोष के नाम पर कोई भी मदद प्रदेश को नहीं दी है। राज्य से जो क्लेम केंद्र को भेजा गया था, वह भी मंजूर नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि वह अब आशा छोड़ चुके हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार की तमाम अड़चनों के बावजूद राज्य सरकार प्रदेश को दस सालों में आत्मनिर्भर बनाने पर काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि 2027 में प्रदेश के आर्थिक हालात पटरी पर आना शुरू होंगे। कर्मचारी, महिला, शिक्षा और स्वास्थ्य पर राज्य सरकार भविष्य में तेजी से काम करेगी।