मुख्यमंत्री आरोप सिद्ध करें या माफी मांगें अन्यथा मानहानि का दावा करेंगे: बिक्रम ठाकुर

डाडासीबा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा पूर्व भाजपा सरकार पर खनन विभाग में हुए 100 करोड़ रुपए के घोटाले के आरोप के जवाब में पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि सुक्खू की सरकार यारों की सरकार है और यारों को खुश करने के लिए नियमों में संशोधन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री या तो आरोप सिद्ध करें या माफी मांगें अन्यथा उनके खिलाफ न्यायालय में मानहानि का मामला दायर किया जाएगा।

बिक्रम ठाकुर ने पूछा कि किन परिस्थितियों में 25 रुपए प्रति फुट बिकने वाली रेत 90 रुपए फुट तथा बजरी 3 गुना महंगी हो गई, क्या यह घोटाला नहीं है? ढलियारा में प्रैस कॉन्फ्रैंस में मंडी के एक नेता पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार बताए कि उसकी कितनी रॉयल्टी और बिजली का बिल बकाया है? ठाकुर ने सभी कमेटियों में मुख्यमंत्री के करीबी लोगों के शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि सरकार के अंदर मंत्री, सीपीएस और विधायकों से जुड़े हुए रिश्तेदारों के कुल कितने क्रशर हैं और यह किस समय में चलते रहे। जिस समय सब क्रशर बंद थे, उस समय सत्ताधारी लोगों के क्रशर बंद क्यों नहीं हुए?
बिक्रम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि वह उन 63 क्रशरों का नाम बताएं जो बिना वैलिड लीज के चल रहे हैं। यदि 128 में से 107 क्रशर बंद थे तो केवल 50 को ही अनुमति क्यों दी गई? इसमें भी भाई-भतीजावाद किया गया है। शोर मचा है कि पावर का एक बहुत बड़ा घोटाला सुक्खू सरकार में हुआ है। उसकी मुख्यमंत्री सीबीआई से जांच करवाएं।