गैंगरेप की धारा हटाने पर एसओ व विवेचक फंसे, इन सवालों के विवेचक पर नहीं जवाब

उत्तरप्रदेश | पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान चल रहा है. इस बीच महिला संबंधी अपराध में पुलिस की घोर लापरवाही का एक मामला उजागर हुआ है. विवेचक ने मुकदमे से गैंगरेप की धारा हटा दी. तर्क दिया कि घटना स्थल पर मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई. जांच कराई तो युवती के तीन दिन होटल में रुकने की पुष्टि हो गई. एसीपी छत्ता आरके सिंह ने डीसीपी सिटी को थानाध्यक्ष ट्रांसयमुना सुमनेश विकल और विवेचक शिव मंगल के खिलाफ गोपनीय रिपोर्ट दी है. रिपोर्ट के आधार पर डीसीपी सिटी ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं.

ट्रांसयमुना क्षेत्र निवासी 17 जून को लापता हुई थी. 12 जुलाई को थाना पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज किया. मुकदमे के तीन दिन बाद युवती घर लौट आई. कोचिंग संचालक उसके चचेरे भाई सहित तीन लोगों पर गंभीर आरेाप लगाए. मां ने भागदौड़ की. प्रार्थना पत्र दिए. मुख्यमंत्री तक शिकायत की. चार सितंबर को विवेचक ने पीड़िता के कोर्ट में 164 के बयान दर्ज कराए. पांच सितंबर को अवलोकन के बाद मुकदमे में 376 डी गैंगरेप की धारा बढ़ाई. इस मामले में पीड़ित पक्ष शिकायत करता रहा कि पुलिस आरोपियों से मिली हुई है.
वे समझौते के लिए दबाव बना रहे हैं. युवती अपनी ननिहाल में है. उसे वहां पहुंचकर धमका रहे हैं. पुलिस ने एक नहीं सुनी. विवेचक ने अपहरण और गैंगरेप की धारा हटा दी. केस डायरी थानाध्यक्ष सुमनेश विकल ने भी देखी. उन्होंने पर्चों पर हस्ताक्षर किए. विवेचक ने गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देने की धारा में चार्जशीट लगाई. चार्जशीट एसीपी छत्ता आरके सिंह ने पास पहुंची.
मुकदमे में दो धाराओं का लोप देखकर वह हैरान रह गए. पीड़ित पक्ष उनसे मिला. एसीपी ने बेलनगंज चौकी प्रभारी को पीड़ित पक्ष के साथ फिरोजाबाद भेजा. युवती ने जिस होटल में तीन दिन रखने का आरोप लगाया था वहां उसके रुकने की बात स्पष्ट हुई. विवेचक के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था. यह देख नया विवेचक नियुक्त किया गया. थानाध्यक्ष और विवेचक के खिलाफ डीसीपी सिटी को रिपोर्ट भेजी गई. डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि दोनों के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए गए हैं.
इन सवालों के विवेचक पर नहीं जवाब
● कॉल डिटेल क्यों नहीं देखी. होटल के सीसीटीवी क्यों नहीं निकाले.
● युवती के बयान पर जब धारा बढ़ाई गई तो किस आधार पर हटाई गई.
● थानाध्यक्ष ने विवेचक से सवाल-जवाब क्यों नहीं किए.
● युवती की मेडिकल रिपोर्ट क्यों नहीं शामिल की गई