चंद्रग्रहण शुरू हुआ, देखें LIVE VIDEO

नई दिल्ली। शरद पूर्णिमा के मौके पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज यानी शनिवार 28 अक्टूबर की रात 11 बजकर 31 मिनट पर लगा गया है. आज लगने जा रहा यह ग्रहण पूर्ण नहीं बल्कि आंशिक होगा, जिसके खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. भारत समेत विश्व के कई देशों में यह चंद्र ग्रहण नजर आएगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल शाम 4 बजकर 05 मिनट से शुरू हो गया है. चंद्र ग्रहण के दौरान कई चीजों को करने की मनाही बताई गई है.

दरअसल चंद्र ग्रहण को अशुभ काल माना जाता है. इसलिए ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक और ग्रहण के दौरान कई चीजों पर पाबंदी होती है. ग्रहण का काल ऐसा होता है कि मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ भी मना की जाती है. हालांकि, अगर कोई पाठ-पूजा करना चाहता है तो ग्रहण के दौरान किसी भी भगवान की मूर्ति को न छूने की सलाह दी जाती है. ग्रहण काल में देवी-देवताओं के मंत्रों का जाप जरूर कर सकते हैं.
10 बजकर 45 मिनट: चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही घर के मंदिर में चंद्र ग्रहण समाप्त होने क बाद देवी-देवताओं की मूर्तियों को गंगाजल में स्नान कराना चाहिए.
10 बजकर 25 मिनट: चंद्र ग्रहण के खत्म होने के बाद घर के मंदिर के दरवाजों को खोल दें. जिसके बाद घर के मंदिर में धूप, अगरबत्ती और घी का दीपक जलाकर भगवान की पूजन करें. यह ग्रहण मध्यरात्रि लग है तो अगर दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा पाठ करें.
10 बजकर 05 मिनट: चंद्र ग्रहण के समाप्त होने के बाद इंसान को स्नान जरूर करना चाहिए. अगर वह किसी पवित्र नदी में स्नान कर पाए तो बहुत बढ़िया नहीं तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें.
09 बजकर 45 मिनट: चंद्र ग्रहण के दौरान दान का खास महत्व है. ग्रहण के दौरान गाय को घास, पक्षी को अन्न और जरूरतमंदों को वस्त्र दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
09 बजकर 20 मिनट: चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके, गरीबों का दान करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही ग्रहण जैसे ही खत्म हो जाए, वैसे ही पूरे घर को शुद्ध करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं.
09 बजकर 05 मिनट: शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण ने लोगों को खीर भोग को लेकर असमंजस में डाल दिया है. दरअसल, शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाने और खाने की परंपरा है. ऐसे में ग्रहण के दौरान यह काम नहीं किया जा सकता है. इसलिए लोग सूतक काल में खीर बना लें और ग्रहण खत्म होने के बाद उसे चंद्रमा की छाया में रख दें. सुबह उस खीर को उठाकर ले आएं.
08 बजकर 45 मिनट: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब ग्रहण लगता है तो उस काल में काफी ज्यादा किटाणु फैलते हैं. इसी वजह से खाना दूषित और जहरीला हो जाता है. ग्रहण काल में खाना खाते हैं तो कीटाणु शरीर के अंदर फैल जाते हैं, जिससे बीमारियों के लगने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए भूलकर भी ग्रहण के दौरान खाना ना खाएं.
08 बजकर 25 मिनट: आज लगने जा रहा चंद्र ग्रहण खंडग्रास है, इसलिए लखनऊ, पटना, जयपुर, जोधपुर, इंदौर, आगरा, मेरठ, देहरादून समेत देश के सभी बड़े शहरों में चंद्र ग्रहण आंशिक रूप में ही नजर आएगा.
08 बजकर 05 मिनट: शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण की वजह से हरिद्वार की हर की पैड़ी पर होने वाली मां गंगा की संध्या आरती तीसरे प्रहर साढ़े तीन बजे ही कर ली गई. आरती के बाद मंदिर के पट ‘ग्रहण मोक्ष’ होने तक बंद कर दिए गए हैं. देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट.
07 बजकर 45 मिनट: दरअसल, तीन तरह के चंद्र ग्रहण होते हैं, जिसमें पूर्ण ग्रहण, आंशिक (खंडग्रास ) और उपच्छाया शामिल है. पूर्ण चंद्र ग्रहण में पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है. इसी बीच एक ऐसा पल होता है, जब सूरज, चांद और पृथ्वी एक ही सीध में होते हैं. इस वजह से पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है और चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आती है. वहीं जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया नहीं बल्कि उपछाया पड़ती है तो उसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं.
07 बजकर 20 मिनट: भारत में चंद्र ग्रहण का नजारा आंशिक होगा, क्योंकि यह पूर्ण ग्रहण नहीं है. इसी वजह से साल के आखिरी ग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. खंडग्रास ग्रहण उस समय पड़ता है, जब पृथ्वी की छाया पूरे चंद्रमा पर नहीं बल्कि कुछ हिस्से पर ही पड़ती है. खंडग्रास चंद्र ग्रहण का धार्मिक महत्व भी है, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होता है.
07 बजकर 05 मिनट: साल के इस आखिरी चंद्र ग्रहण का सभी 12 राशियों पर शुभ और अशुभ, दोनों तरह के प्रभाव पड़ रहे हैं. मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों के लिए यह ग्रहण शुभ रहेगा. वहीं मेष, वृषभ, सिंह कन्या, तुला, धनु, मकर और मीन राशि वालों को सावधान रहने की जरूरत है.
06 बजकर 45 मिनट: चंद्र ग्रहण की वजह से शरद पूर्णिमा का त्योहार भी नहीं मनाया जा रहा है. खास बात है कि ग्रहण की वजह से न को खीर बनाई जा सकती है और ना ही खीर को खुले आसमान में रखी जा सकती है. हालांकि, ग्रहण के बाद खीर को जरूर रखा जा सकता है. शरद पूर्णिमा को लेकर मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती का भ्रमण करती हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं.
06 बजकर 22 मिनट: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत की राजधानी दिल्ली सहित भोपाल, रायपुर, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, नागपुर, कोयंबटूर, नासिक, जोधपुर, प्रयागराज, देहरादून और पटना समेत कई बड़े शहरों में दिखाई देने वाला है.
05 बजकर 55 मिनट: साल 2023 का यह आखिरी चंद्र ग्रहण भारत समेत अन्य एशियाई देशों, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में भी दिखाई देगा. इस चंद्र ग्रहण के बाद अगला चंद्र ग्रहण साल 2024में 24 मार्च को लगेगा.
05 बजकर 30 मिनट: वास्तु के अनुसार, जब चंद्र ग्रहण खत्म हो तो घर में बने मंदिर वाले स्थान की अच्छी तरह से सफाई कर लें. इसके साथ ही गंगाजल का छिड़काव कर दें. इसके बाद भगवान को नए वस्त्र धारण करवाकर मंदिर की सजावट कर दें. भगवान के पुराने वस्त्रों को नदी में नियमानुसार प्रवाहित कर दें. ऐसा करने मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
05 बजकर 05 मिनट: धार्मिक मान्यताओं के अुसार, अगर आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो चंद्र ग्रहण के दौरान मां लक्ष्मी के एक मंत्र का जाप कर सकते हैं. पैसों की तंगी खत्म करने के लिए ग्रहण खत्म होने तक ‘ॐ पुते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते’ मंत्र का जाप करते रहें.
04 बजकर 50 मिनट: सूतक काल में आप भगवान के किसी मंत्र का जाप जरूर करते रहिए. मंदिर बेशक बंद हों, लेकिन आप मन से भगवान को याद करते रहिए, जिससे यह अशुभ काल सुरक्षित तरीके से समाप्त हो जाए.
04 बजकर 40 मिनट: चंद्र ग्रहण से पहले सूतक काल में ही खाने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए. हालांकि, ध्यान रहे कि पत्तों को सूतक काल से पहले ही तोड़ लें. ऐसी मान्यता है कि तुलसी का पत्ता डालने से खाने की चीजें दूषित नहीं होती हैं.
04 बजकर 25 मिनट: ग्रहण अशुभ काल होता है, इसलिए सूतक शुरू होने के बाद से ही लोगों को अपने घर जाने की सलाह दी जाती है. अगर आप ग्रहण के समय किसी वजह से घर से बाहर हैं तो भूलकर भी चंद्रमा की तरफ नहीं देखना चाहिए.
04 बजकर 20 मिनट: आज लगने जा रहा ग्रहण आंशिक यानी खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है. दरअसल जब पृथ्वी की छाया पूरी तरह नहीं बल्कि कुछ हिस्सों पर पड़ती है तो उसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है.
04 बजकर 15 मिनट: सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को पेट पर अगर गेरू लगा हुआ होता है तो वह ग्रहण की नकारात्मक शक्तियों से बचाता है. सूतक काल में खाने से भी बचना चाहिए. हालांकि, सूतक काल में ना खाने का नियम गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए नहीं है.
04 बजकर 10 मिनट: चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. जब ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाए तो खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को खाना नहीं बनाना चाहिए. इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को चाकू, कैंची, सुई, आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
04 बजकर 05 मिनट: चंद्र ग्रहण का सूतक काल का समय शुरू हो गया है. सूतक काल में कई चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. सूतक काल में कई चीजें ऐसी होती हैं, जिनको करने की मनाही की गई है.