साइबर क्राइम रोकने की तकनीक तय करे आरबीआई: हाईकोर्ट

राँची: साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने को कहा कि तकनीक के सहारे साइबर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है. बैंकों को भी इसकी रोकथाम के लिए तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. यह तकनीक बनाम तकनीक की लड़ाई है. आरबीआई यह तय करे कि साइबर अपराध रोकने के लिए कैसी तकनीक चाहिए.
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले में आरबीआई और सीआईडी की ओर से दाखिल किए गए जवाब पर वादी और अन्य प्रतिवादियों को अपना पक्ष रखने का निर्देश देते हुए सुनवाई 13 दिसंबर को निर्धारित की. सुनवाई के दौरान आरबीआई की ओर से जवाब दाखिल कर बताया

● उच्च तकनीकी संस्थानों के साथ लगातार की जा रही है बैठक
● बड़े ट्रांजेक्शन पर बैंक की ओर से ग्राहकों को किया जाता है अलर्ट
● जागरुकता अभियान व ग्राहकों के साथ कार्यशाला का आयोजन
● आरबीआई सभी हितधारकों से सलाह-मशविरा भी करता रहता है
देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज में सक्रिय
साइबर फ्रॉड को लेकर मनोज कुमार राय ने जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में अदालत को बताया गया है कि झारखंड के देवघर, जामताड़ा और साहिबगंज में साइबर अपराधी सक्रिय हैं. बड़े पैमाने पर झारखंड से साइबर क्राइम की घटना को अंजाम दिया जाता है. साइबर अपराधी झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में भी ठगी की घटना को अंजाम देते हैं. पुलिस का साइबर सेल है, लेकिन बहुत ज्यादा सक्रिय नहीं है. ऐसे में साइबर अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है. इस पर रोकथाम का आग्रह अदालत से किया गया है.