राजसमंद भगवान राम का जीवन किसी भी जाति के व्यक्ति के लिए जाना जाता

राजस्थान : जन्मभूमि के रामद्वारे में चल रहे पिछले चार महीने से सनातन सिद्धांत दर्शन चातुर्मास का समापन रविवार की रात को हुआ। संत धीरजराम महाराज ने 4 महीने के चातुर्मास के अंतर्गत भक्ति मति मीरा बाई का चरित्र श्रीमद् शिव महापुराण कथा, श्रीमद् भागवत सप्ताह कथा और विस्तार से श्री रामकथा का वाचन किया।

रात्रिकालीन धर्मसभा में संत ने सत्संग में भगवान राम के राज्याभिषेक का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि भगवान राम का जीवन हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त है। चाहे वह किसी भी वर्ग, वर्ण, जाति, समाज या किसी भी आयु का क्यों न हो, भगवान के जीवन का उदाहरण देने के लिए सबसे बड़े उदाहरण हैं। भगवान राम ने एक अच्छा पुत्र, अच्छा पति, राजा, अच्छा भाई, अच्छा शिष्य बनकर हर एक संबंध बड़े पैमाने पर बनाए रखा। राम का धैर्य विष्णु का धैर्य भी सबसे अधिक है। विष्णु की गंभीरता तटस्थ हैं। राम का धैर्य देखकर उनका राज्याभिषेक होने वाला था उसी समय आदेश आया कि वल्कल वस्त्र धारण कर वनवास की यात्रा करो।
ये भी सुना नहीं गया। ऐसा है राम का धैर्य, उनका अपमान करके दिखाया जाता है कोई तो भी निभाते हैं। वनवास काल की यात्रा के दौरान किसी भी लेखक-व्यक्ति को अपने साथ नहीं लिया गया। राम ने सामान्य बातें वनवासी मां शबरी का आशीर्वाद लिया।
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