राजकपूर ने हेमा मालिनी को लेकर की थी बड़ी भविष्यवाणी, जन्मदिन के मौके पर जाने उनके फिल्मी करियर

आर चक्रवर्ती उर्फ हेमा-मालिनी भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक हैं। वर्तमान में हेमा मालिनी मथुरा (उत्तर प्रदेश) से भारतीय जनता पार्टी की लोकसभा सांसद हैं। मशहूर अभिनेत्री और नृत्यांगना हेमा मालिनी बॉलीवुड की उन प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से हैं जिनमें खूबसूरती और अभिनय का अनोखा संगम है। लगभग चार दशक के करियर में उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। हेमा मालिनी को फिल्मों में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 1999 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

पृष्ठभूमि
हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के अम्मानकुडी में एक तमिल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम वीएसआर चक्रवर्ती है। उनकी मां का नाम जया चक्रवर्ती है जो एक फिल्म निर्माता थीं।
शादी
हेमा-मालिनी ने बॉलीवुड के ‘माचो मैन’ एक्टर धर्मेंद्र से शादी की है। उनकी दो बेटियां हैं. ईशा देयोल और अहाना देयोल। उनकी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है। सनी देओल और बॉबी देओल उनके दो सौतेले बेटे हैं। दोनों फिल्म अभिनेता हैं.
आजीविका
हेमा-मालिनी को अपने शुरुआती करियर में कई बार अस्वीकृति का सामना करना पड़ा, यहां तक कि एक बार एक तमिल निर्देशक ने उन्हें यह कहकर अपनी फिल्म में लेने से इनकार कर दिया कि उनमें स्टार अपील की कमी है। हेमा मालिनी ने कई सालों तक हिंदी सिनेमा में काफी संघर्ष किया। वर्ष 1968 में उन्होंने राज कपूर निर्देशित फिल्म सपनों के सौदागर में अभिनय किया। यह फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर असफल साबित हुई लेकिन अभिनेत्री के रूप में हेमा मालिनी को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
हेमा मालिनी को पहली सफलता वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म (जॉनी मेरा नाम) से मिली। उनके साथ अभिनेता देवानंद मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में हेमा और देवानंद की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया और फिल्म सुपरहिट रही। हेमा मालिनी की शुरुआती सफलता में निर्माता-निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्मों का बड़ा योगदान रहा। उन्हें पहला बड़ा ब्रेक 1971 में रमेश की फिल्म (अंदाज़) से मिला। इसे महज संयोग ही कहा जाएगा कि निर्देशक के तौर पर यह रमेश सिप्पी की पहली फिल्म थी। इस फिल्म में हेमा मालिनी ने राजेश खन्ना की प्रेमिका का किरदार निभाया था जो उनकी मौत के बाद बिल्कुल अकेली हो जाती है। हेमा मालिनी ने अपने किरदार को इतनी संजीदगी से निभाया कि दर्शक आज भी उस किरदार को भूल नहीं पाए हैं.
वर्ष 1972 में हेमा मालिनी को रमेश सिप्पी की फिल्म (सीता और गीता) में काम करने का मौका मिला जो उनके फिल्मी करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई। इस फिल्म की सफलता के बाद वह शोहरत की बुंलदियों पर पहुंच गईं। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्मफेयर पुरस्कार से भी सम्मानित की गईं। रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म सीता और गीता जुड़वां बहनों की कहानी थी जिसमें एक बहन ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी है और डर में रहती है जबकि दूसरी एक जिंदादिल युवती है।
हेमा मालिनी के लिए यह भूमिका काफी चुनौतीपूर्ण थी लेकिन उन्होंने अपने सहज अभिनय से न केवल इसे अमर बना दिया बल्कि भावी पीढ़ियों की अभिनेत्रियों के लिए एक उदाहरण भी स्थापित किया। बाद में इसी से प्रेरित होकर फिल्म चालबाज़ का निर्माण किया गया जिसमें श्रीदेवी ने दोहरी भूमिका वाली बहनों की भूमिका निभाई। सीता और गीता से हेमा मालिनी फिल्म इंडस्ट्री में शोहरत की बुलंदियों पर पहुंच गईं, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि फिल्म के निर्माण के समय निर्देशक रमेश सिप्पी नायिका के रूप में मुमताज को लेना चाहते थे, लेकिन किसी कारणवश वह फिल्म नहीं कर सकीं।
बाद में हेमा मालिनी को इस फिल्म में अभिनय करने का मौका मिला। पर्दे पर हेमा मालिनी की जोड़ी धर्मेंद्र के साथ खूब जमी. यह फिल्मी जोड़ी पहली बार फिल्म (सराफत) से चर्चा में आई थी। साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म (शोले) में धर्मेंद्र ने वीरू का किरदार निभाया और हेमामालिनी ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. हेमा और धमेंद्र की यह जोड़ी इतनी पसंद की गई कि धर्मेंद्र की रील लाइफ (ड्रीम गर्ल) हेमा मालिनी उनकी रियल लाइफ ड्रीम गर्ल बन गईं। बाद में इस जोड़ी ने चरस, पकड़, प्रतिज्ञा, रजिया सुल्तान, अली बाबा और चालीस चोर, बगावत, तीरन, द बर्निंग ट्रेन और दोस्त जैसी फिल्मों में साथ काम किया।
वर्ष 1975 हेमा मालिनी के फिल्मी करियर के लिए महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ। उस वर्ष संन्यासी, धर्मात्मा, खुशबू और प्रतिज्ञा जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुईं। उसी वर्ष हेमा मालिनी को अपने प्रिय निर्देशक रमेश सिप्पी की फिल्म (शोले) में अभिनय करने का अवसर मिला। इस फिल्म में हेमा मालिनी ने अपने अंदाज से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. फिल्म में हेमा मालिनी के डायलॉग्स उस दौर में दर्शकों की जुबान पर चढ़ गए और आज भी सिने प्रेमी उन डायलॉग्स की चर्चा करते हैं।
सत्तर के दशक में हेमा मालिनी पर केवल ग्लैमरस भूमिकाएं निभाने का आरोप लगने लगा, लेकिन उन्होंने खुशबू 1975, किनारा 1977 और मीरा 1979 जैसी फिल्मों में गंभीर भूमिका निभाकर अपने आलोचकों का मुंह हमेशा के लिए बंद कर दिया। इस दौरान हेमा मालिनी की खूबसूरती और एक्टिंग छा गई थी. इसे देखकर निर्माता प्रमोद चक्रवर्ती ने उन्हें फिल्म ड्रीम गर्ल के निर्माण में ले लिया।
राजनीतिक कैरियर
हेमा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2003 में भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद बनकर की। वह वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मथुरा से लोकसभा सांसद हैं।
पुरस्कार
हेमा ने अपने अब तक के फिल्मी करियर में कई पुरस्कार जीते हैं। हेमा को साल 2000 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा फिल्मफेयर में हेमा मालिनीउन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्तमान में हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी की नेता हैं। वह फिल्मों में भी सक्रिय हैं. एक्ट्रेस आखिरी बार राजकुमार राव और रकुल प्रीत सिंह के साथ फिल्म ‘शिमला मिर्ची’ (2020) में नजर आई थीं।