दो पक्षों में मारपीट के बाद तनाव, तीन हिरासत में

आगरा: बरहन क्षेत्र के गांव खांडा में रास्ते के विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट के बाद तनाव है. मामला अलग-अलग समुदाय से जुड़ा है. पुलिस ने एक पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. तीन लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है.
गांव खांडा में कुसमा देवी पत्नी छोटे लाल पक्ष का दूसरे समुदाय के लोगों से रास्ते से निकलने को लेकर विवाद हो गया था. इसको लेकर दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी. अब कुसुमा देवी ने तहरीर दी है. पुलिस ने दूसरे पक्ष के शकील पुत्र वकील खां, शाहरु़ख पुत्र शकील, अर्जुसेन पुत्र वकील, आमिल, पप्पा, फाजिल, बारिशी पुत्रगण जमालुद्दीन, भूरा पुत्र शाहबुद्दीन, आदिल, शाहरूक पुत्रगण आमिल, व राहुल पुत्र एहसान चौधरी के खिलाफ मारपीट व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
इधर इस मारपीट के पीछे एक वीडियो वायरल होने की भी चर्चा है. थाना प्रभारी कुलदीप सिंह ने बताया है कि रास्ते के विवाद को लेकर एक पक्ष की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. तीन लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है. दूसरे पक्ष ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है. वीडियो वायरल की कोई जानकारी नहीं है.

टोरंट पावर के अधिकारी भावेश रसिक लाल शाह से मारपीट एवं बलबे के मामले में भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया को मिली दो साल की सजा एवं जुर्माने के मामले में को जिला जज की अदालत में बहस हुई. अभियोजन की ओर से विधिक बिंदुओं पर बहस की गई. अब इस मामले में दो नवंबर को फैसला आ सकता है. उधर, सांसद कठेरिया को अदालत में हाजिर नहीं हुए. उनकी ओर से अधिवक्ता ने हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया.
बता दें कि 2011 में टोरंट पावर के साकेत माल स्थित कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ प्रवेश कर एक महिला के बढ़े हुए बिल को लेकर हुए विवाद के कारण टोरंट पावर अधिकारी भावेश रसिक लाल शाह के साथ मारपीट एवं बलबे के आरोप में सांसद राम शंकर कठेरिया के विरुद्ध थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले में विशेष मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए की कोर्ट ने सांसद को दोषी पाते हुए दो वर्ष की कैद एवं 51 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया था. सांसद के अधिवक्ता विजय आहूजा, देवेंद्र सिंह, विमु आहूजा, साजिद अहमद व अन्य द्वारा जिला जज की कोर्ट में अपील करने पर पांच अगस्त को मिली सजा को कोर्ट ने सात अगस्त को स्थगित करने के आदेश दिए थे. को कोर्ट में सांसद के अधिवक्ता विजय आहुजा एवं अभियोजन पक्ष की ओर से विधिक बिंदुओं पर बहस की गई.