मनरेगा के 19 हजार मजदूरों का नौ करोड़ का भुगतान बाकी

झाँसी: भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के लिए संचालित महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत काम तो हमेशा मिलता है लेकिन मेहनताना मिलने का कोई भरोसा नहीं है. जनपद में लगभग उन्नीस हजार मजदूरों को पिछले तीन महीने से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया. जिसकी वजह से योजना के कार्यों में मजदूरी करने से जाबकार्डधारक कतराने लगे हैं.

गरीबों से जुड़ी योजना में भुगतान के सिस्टम को दुरुस्त बनाए रखने के लिए बाकायदा नियम बनाए गए. जिसके तहत मजदूरी के पंद्रह दिनों के भीतर ग्रामीण जाबकार्डधारक के बैंक खाते में श्रमांश पहुंच जाना चाहिए. लेकिन, योजना के तहत जाबकार्डधारकों से काम तो ले लिया जाता है लेकिन उनका समय से भुगतान नहीं होता. जिसकी वजह से मजदूर इसमें काम करने से तकराने लगे हैं. बीते अगस्त, सितंबर व माह की तारीख तक जनपद के लगभग उन्नीस हजार जाबकार्डधारक परिवारों को मजदूरी का नौ करोड़ रुपये भुगतान नहीं किया जा सका है. जिस कारण ब्लाक व ग्रामस्तरीय अफसरों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पसीना बहाने के बाद मजदूरी का इंतजार कर रहे ग्रामीण अधिकारियों के पास भुगतान के संबंध में सवाल लेकर पहुंच रहे हैं और इन अफसरों के पास कोई जवाब नहीं है.
इन परिस्थितियों में तमाम ग्रामीण परिवारों का चूल्हा ठंडा पड़ने लगा और काम की तलाश में उन्होंने शहर का रुख कर लिया है. इस संबंध में डीसी मनरेगा रवींद्रवीर यादव ने बताया कि जाबकार्डधारकों की मजदूरी के भुगतान को लेकर आला अफसरों से बात की गयी. जल्द ही मजदूरी का पेमेंट होगा.