1 जनवरी से बदल ग�? हैं मनरेगा के नियम, जानें क�?�?यों है खास

दिल�?ली: देश के ग�?रामीण क�?षेत�?रों में लोगों को रोजगार देने के लि�? महात�?�?मा गांधी राष�?�?ट�?रीय ग�?रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) लागू किया गया है. इस कानून के तहत रोजगार की गारंटी दी जाती है, ताकि जरूरतमंद लोग अपना जीवन-यापन कर सकें. समय के साथ इस कानून से ज�?ड़े नियमों में कई बदलाव कि�? ग�?, ताकि भ�?रष�?�?टाचार पर अंक�?श लगाया जा सके. उसी प�?रक�?रिया के तहत अब �?क और नियम को बदला गया है. परिवर�?तित नियम 1 जनवरी 2023 से लागू हो गया है. बदले प�?रावधानों के तहत मनरेगा के अंतर�?गत काम करने वालों के लि�? डिजिटल अटेंडेंस (डिजिटल हाजिरी) अनिवार�?य कर दिया गया है. केंद�?र सरकार ने इस बाबत 23 दिसंबर 2022 को ही सभी राज�?�?यों और केंद�?र प�?रशासित प�?रदेशों को चिट�?ठी लिखी थी.

ग�?रामीण विकास मंत�?रालय के दिशा-निर�?देशों के तहत 1 जनवरी 2023 से मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लि�? डिजिटल हाजिरी लगाना अनिवार�?य कर द�?िया गया है. इसका उद�?देश�?�?य भ�?रष�?�?टाचार को रोकना, जवाबदेही तय करना और मस�?�?टर रोल में दोहराव से बचाव है. इस बाबत केंद�?र की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि मनरेगा के तहत काम करने वालों के लि�? कार�?यस�?�?थल पर मोबाइल �?प नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस�?�?टम पर रजिस�?�?टर कराना अनिवार�?य है. व�?�?यक�?तिगत लाभार�?थी योजना/परियोजना को छूट प�?रदान की गई है. आदिवासी महिलाओं की उड़ान: पहले करती थी NREGA में मजदूरी, अब बना रही सेनेटरी पैड, इस तरह श�?रू किया बिजनेस
अभी तक क�?�?या था प�?रावधान?
मनरेगा के तहत काम करने वालों के लि�? मौजूदा समय में भी डिजिटल अटेंडेंस का प�?रावधान था. हालांकि, इसके लि�? �?क शर�?त थी, जिसे अब हटा दिया गया है. दरअसल, अभी तक जहां 20 से ज�?�?यादा वर�?करों की जरूरत होती थी, सिर�?फ वहीं डिजिटल रजिस�?�?टर कराने का प�?रावधान था. अब सभी कार�?यस�?�?थलों के लि�? इसे जरूरी कर दिया गया है. बता दें कि डिजिटल अटेंडेंस के तहत मोबाइल �?प पर दो बार समय का उल�?�?लेख और मजदूरों की तस�?�?वीरों को जियोटैग�?िंग किया जाता है.
समस�?�?या�?ं भी कम नहीं: डिजिटल अटेंडेंस प�?रावधान की काफी आलोचना भी की गई. मजदूरों और सामाजिक कार�?यकर�?ताओं का आरोप था कि स�?परवाइजर या संबंधित अधिकारियों के पास पास स�?�?मार�?टफोन और इंटरनेट की कनेक�?टिविटी न होने की वजह से मजदूरों को काफी दिक�?�?कतों का सामना करना पड़ता है. इसके बाद केंद�?र ने इस समस�?�?या को संबंधित प�?रदेशों के समक�?ष उठाया था.