कारगिल पर्वतीय विकास परिषद चुनाव में नेशनल कांफ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन को मिली जीत


लेह. नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी), कारगिल चुनावों में जीत हासिल कर भाजपा को करारी शिकस्त दी। भाजपा 26 सीटों में से सिर्फ 2 पर कामयाब हुई।
एलएएचडीसी कारगिल में कुल 30 सदस्य हैं, जिनमें से 26 सीधे निर्वाचित होते हैं और चार को महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया जाता है। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 12, कांग्रेस को 10, भाजपा को 2 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं। 4 अक्टूबर को हुए चुनाव के नतीजे रविवार शाम को घोषित किए गए।
संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद लद्दाख में यह पहला चुनाव था। प्रमुख हारने वालों में परिषद के पूर्व अध्यक्ष हाजी अनायत अली शामिल हैं। हालांकि भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन शुरू से ही माहौल नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में दिख रहा था।
लेह. नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी), कारगिल चुनावों में जीत हासिल कर भाजपा को करारी शिकस्त दी। भाजपा 26 सीटों में से सिर्फ 2 पर कामयाब हुई।

एलएएचडीसी कारगिल में कुल 30 सदस्य हैं, जिनमें से 26 सीधे निर्वाचित होते हैं और चार को महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया जाता है। इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 12, कांग्रेस को 10, भाजपा को 2 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं। 4 अक्टूबर को हुए चुनाव के नतीजे रविवार शाम को घोषित किए गए।
संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद लद्दाख में यह पहला चुनाव था। प्रमुख हारने वालों में परिषद के पूर्व अध्यक्ष हाजी अनायत अली शामिल हैं। हालांकि भाजपा ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन शुरू से ही माहौल नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में दिख रहा था।