भारत जोड़ोः खाली �?�?न�?�?ना
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डॉ. वेदप�?रताप वैदिक
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परसों मैंने लिखा था कि राह�?ल गांधी के पास यदि भाजपा का कोई वैकल�?पिक राजनीतिक दर�?शन होता तो देश के समस�?त विरोधी दलों को �?क सूत�?र में बांधा जा सकता था। म�?�?े ख�?शी है कि आज राह�?ल गांधी ने इसी बात को दोहराया है। उन�?होंने अपनी भारत-यात�?रा के दौरान अपनी नौंवी पत�?रकार परिषद में कहा है कि भाजपा को हराने के लि�? विरोधी दलों के पास कोई अपनी दृष�?टि होनी चाहि�?। राह�?ल को शायद पता नहीं है कि हमारे देश के सभी विरोधी दलों के पास जबर�?दस�?त दृष�?टि है। हर दल के पास दो-दो नहीं, चार-चार आंखें हैं। इन चारों आंखों से वे चारों तरफ देखते हैं और उन�?हें बस �?क ही चीज़ दिखाई पड़ती है। वह है- सत�?ता, क�?र�?सी, गद�?दी! इसके अलावा सभी दल खाली-खट हैं। उनके पास सिद�?धांत, विचारधारा, नीति, कार�?यक�?रम के नाम पर खाली �?�?न�?�?ना होता है। उसे वे बजाते रहते हैं।
उनके पास जाति, मजहब, संप�?रदाय, भाषा, प�?रांतवाद आदि की सारंगियां होती हैं। च�?नाव के दिनों में वे इन �?�?न�?�?नों और सारंगियों के जरि�? अपनी नय�?या पार लगाने में ज�?टे रहते हैं। और यदि वे सत�?ता में हों तो वे रेवड़ियों का अंबार लगा देते हैं। किसी नेता या पार�?टी के पास भारत की गरीबी और असमानता को दूर करने का कोई नक�?शा नहीं होता, उन�?हें पता ही नहीं है कि भारत को संपन�?न और शक�?तिशाली बनाने के लि�? क�?या-क�?या कदम उठाने चाहि�? और सभी दल सत�?तार�?�? होने के लि�? नोट और वोट का �?ां�? पीटते रहते हैं। सत�?तार�?�? होने पर वे नौकरशाहों की नौकरी करने लगते हैं। भारत में सिर�?फ कम�?य�?निस�?ट पार�?टी �?सी है, जिसके क�?छ नेता प�?े-लिखे और विचारशील हैं लेकिन यह पार�?टी भी मलयाली उप-राष�?ट�?रवाद (केरल) की बेड़ियों में जकड़ी ह�?ई है। कांग�?रेस �?क मात�?र विरोधी पार�?टी है, जिसके सदस�?य आज भी देश के हर जिले में मौजूद हैं लेकिन द�?र�?भाग�?य है कि उसके पास न कोई नेता है और न ही नीति है। लगभग 10-12 वर�?ष पहले राह�?ल गांधी में क�?छ संभावना दिखाई पड़ रही थी लेकिन इतना लंबा वक�?त बापकमाई और अम�?माकमाई को जीमने में ग�?जर गया। अब जबकि कांग�?रेस ‘वेंटिलेटर’ पर आ गई है, राह�?ल ने राजनीति का क,ख,ग सीखने की कोशिश की है। लेकिन विरोधी दलों के नेता तीन-चार माह के इस नौसिखि�? राजनीतिक शिश�? को अपना ग�?र�? कैसे धारण कर लेंगे? अखिलेश यादव और मायावती ने भारत-जोड़ो यात�?रा में ज�?ड़ने से मना कर दिया है। भला, नीतीश, सीताराम येचूरी, ममता बेनर�?जी, क�?मारस�?वामी, पटनायक जैसे वरिष�?ठ नेता कैसे ज�?ड़ेंगे? यदि ज�?ड़ भी ग�? तो इनका गठबंधन कैसे बनेगा? और बन भी गया तो वह चलेगा कितने दिन? बस, यदि कांग�?रेस ही ज�?ड़ी रहे और टूटे नहीं तो हम मान लेंगे कि यह भारत जोड़ो-यात�?रा सफल रही।