मां काली का चमत्कारी मंदिर यहाँ मांगी हुई हर मुराद होती है पूरी

यूं तो देश में कई ऐसे देवी-देवताओं के मंदिर मौजूद हैं जिन्हें लेकर कई सारी मान्यताएं प्रचलित है. इन्हीं में से एक उत्तर प्रदेश के मेरठ के सदर बाजार स्थित जय माता महाकाली मंदिर है. इस मंदिर को लेकर भी कई सारी मान्यताएं हैं. यहां मां काली के प्रति भक्तों की एक अलग ही आस्था देखने को मिलती है. इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यताएं है कि यहां भक्त जो कुछ भी मांगते हैं, मां काली उनकी सभी मुरादे पूरी करती हैं. इस सिद्धपीठ काली मंदिर में मां काली के रौद्र रूप के दर्शन होते हैं. मां के इस दिव्य स्वरुप के दर्शन के लिए देश भर के श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं, लेकिन नवरात्र के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में भक्त आकर मां काली की पूजा करते हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर का इतिहास क्या है साथ ही जानिए इस मंदिर का धार्मिक महत्व.

क्या है इस मंदिर का इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि नीलकंठ बनर्जी ने चार सौ साल पहले इस मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर में स्थापित मां काली की मूर्ति साक्षात कलकत्ता की काली मां का रूप है. कहा जाता है कि नीलकंठ बनर्जी ने गुरुमंत्र प्राप्त कर मां काली की मूर्ति की स्थापना कर इनकी पूजा-अर्चना करने लगे. इसके बाद से लेकर अब तक इसी स्थान पर मां काली की पूजा करने भक्त यहां दूर-दूर से दर्शन करने पहुंचते हैं.
नवरात्र में दूर-दूर से दर्शन करने पहुंचते हैं भक्त
यूं तो पूरे साल मां काली के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं लेकिन नवरात्र के मौके पर इस मंदिर में भक्तों की लंबी कतारे लगी रहती है. मान्यता है कि इस चमत्कारी मंदिर में जो भक्त सच्चे मन से मां काली से मांगता हैं मां उसकी मन्नत पूरी करती हैं और उनकी सभी मुराद पूरी होती हैं.
पहले था शमशान घाट
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर से पहले यहां शमशान घाट हुआ करता था. पहले यहां लोग आने से डरते थे, लेकिन जब से इस मंदिर का निर्माण हुआ है तब से भक्त यहां आने लगे. इतना ही नहीं इस मंदिर को लेकर यह भी कहा जाता है कि रात को 2:00 बजे के बाद मां काली मंदिर परिसर में घूमती है और उनके घुंघरू की आवाज भी सुनाई देती है.