तेलंगाना के स�?वास�?थ�?य मंत�?री का कहना है कि अंगदान में लोगों की भागीदारी महत�?वपूर�?ण
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स�?वास�?थ�?य मंत�?री टी हरीश राव ने कहा कि सरकार द�?वारा उठा�? ग�? कदमों से कोई फर�?क नहीं पड़ता, दान के माध�?यम से लोगों की भागीदारी जरूरतमंद मरीजों को अंग प�?रदान करने के लि�? अत�?यंत आवश�?यक है। रविवार को यहां जयचंद�?र रेड�?डी चैरिटेबल ट�?रस�?ट द�?वारा आयोजित जीवनदान कार�?यक�?रम में बोलते ह�?�?, उन�?होंने कहा, “दिमाग से मृत व�?यक�?ति हृदय, यकृत, फेफड़े, ग�?र�?दे, अग�?न�?याशय, त�?वचा, कॉर�?निया, हड�?डी के ऊतक, हृदय वाल�?व, रक�?त वाहिकाओं और दान कर सकता है। आठ लोगों की जान बचा�?ं।
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जीवनदान (अंग दान में स�?धार के लि�? राज�?य सरकार की पहल) के तहत क�?ल 36 सरकारी अस�?पताल पंजीकृत हैं। हरीश ने कहा, “2013 से अब तक राज�?य में ब�?रेन डेथ के बाद 1,142 दान दर�?ज कि�? ग�? हैं। क�?ल 4,316 अंग �?कत�?र कि�? ग�? और जरूरतमंदों को प�?रत�?यारोपित कि�? ग�?।”
यह ध�?यान दिया जाना चाहि�? कि राज�?य में अंग दान की दर 5.08 है, जो राष�?ट�?रीय औसत 0.6 प�?रतिशत प�?रति दस लाख लोगों से अधिक है। मंत�?री ने कहा कि आरोग�?यश�?री योजना के माध�?यम से सरकार द�?वारा गरीबों को 10 लाख र�?पये की प�?रत�?यारोपण सर�?जरी म�?फ�?त में उपलब�?ध कराई गई है।
“बह�?त से लोग आ�?ख बंद करके क�?छ मान�?यताओं पर विश�?वास करते हैं और सोचते हैं कि अंगदान गलत है। लोगों को यह सम�?ने की जरूरत है कि द�?र�?घटनावश ब�?रेन-डेड व�?यक�?ति के अंग दूसरों को दान करने से �?क का जीवन समाप�?त हो जाता है लेकिन दूसरे के जीवन के रूप में �?क और यात�?रा श�?रू होती है, हरीश ने कहा।
क�?रेडिट: newindianexpress.com