अधिकारी तेलंगाना में बाघों को ल�?भाने के न�? तरीके खोज रहे
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वन अधिकारी क�?षेत�?र में बाघों को बसाने के उद�?देश�?य से कवाल टाइगर रिजर�?व में घास सहित पेड़, �?ाड़िया�? और जड़ी-बूटिया�? लगाने की सोच रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि घास में वृद�?धि यह स�?निश�?चित करेगी कि शाकाहारी, जो अक�?सर बाघ जैसे मांसाहारियों द�?वारा शिकार कि�? जाते हैं, वे भी क�?षेत�?र में मौजूद हैं ताकि पारिस�?थितिक संत�?लन बना�? रखा जा सके।
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विशेषज�?ञ यह भी बताते हैं कि ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर�?व और महाराष�?ट�?र में टीपेश�?वर वन�?यजीव अभयारण�?य से कई बड़ी बिल�?लियां तामसी मंडल के तहत जंगल और मैदानी क�?षेत�?रों की ओर स�?थानांतरित हो रही हैं। हाल ही में, तामसी मंडल में �?क बाघ और शावकों का पता चला था, लेकिन वन क�?षेत�?रों तक पह�?�?चने के लि�? कनेक�?शन की कमी के कारण वे बाहर रह रहे हैं।
अधिकारी बताते हैं कि पिंगंगा नदी के पास �?क क�?रॉसिंग है जहां से जानवर तामसी, बाजारहटनूर और नेरदिगोंडा मंडलों में वन क�?षेत�?रों में जा सकते हैं। हालांकि, चरने के लि�? क�?षेत�?र में बड़ी संख�?या में आने वाले मवेशी उनके आवास को नष�?ट कर देते हैं और अंततः क�?षेत�?र के पारिस�?थितिक संत�?लन को प�?रभावित करते हैं। विशेषज�?ञों का कहना है कि कवल टाइगर रिजर�?व में जंगली जानवरों की कम संख�?या के लि�? यह प�?राथमिक कारणों में से �?क है।
चरवाहों को वन क�?षेत�?रों में जाने से रोकने के लि�? तैनात कि�? ग�? वन विभाग के कर�?मचारियों का कहना है कि पोडू भूमि किसानों के कड़े विरोध के कारण उन�?हें समस�?याओं का सामना करना पड़ रहा है। जबकि राज�?य सरकार ने हाल ही में घोषणा की है कि जिला प�?रशासन भूमि उपयोग प�?रमाण पत�?र जारी करेगा, अधिकारियों ने कहा कि आवेदन की संख�?या उपयोग के लि�? उपलब�?ध भूमि की मात�?रा से अधिक है।
�?क अधिकारी ने कहा कि उन�?हें 3.1 लाख �?कड़ जमीन के लि�? 83,000 आवेदन मिले हैं। उन�?होंने कहा कि 10 फीसदी से भी कम आवेदन उन किसानों के हैं जिन�?होंने 2005 से पहले खेती श�?रू की थी। लगभग 50 फीसदी आवेदन गैर-आदिवासियों के हैं। समतल भूमि के अभाव के कारण, अधिकारियों को अब महत�?वपूर�?ण वन भूमि की रक�?षा करने और बाघों के लि�? �?क उचित आवास स�?निश�?चित करने के लि�? भूमि हड़पने वालों के खिलाफ आना होगा।
तामसी मंडल में �?क बाघ और शावकों का पता चला था, लेकिन वन क�?षेत�?रों तक पह�?�?चने के लि�? कनेक�?शन की कमी के कारण वे बाहर रह रहे हैं। अधिकारी बताते हैं कि पैनगंगा नदी के पास �?क क�?रॉसिंग है जहां से जानवर तामसी, बज़ारहतनूर और नेरदिगोंडा मंडलों में वन क�?षेत�?रों में जा सकते हैं
क�?रेडिट: newindianexpress.com