प�?स�?तक मेले पर से उठा पर�?दा, जोरदार पर प�?रतिक�?रिया
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जनता से रिश�?ता वेबडेस�?क | पिछले तीन वर�?षों की त�?लना में 11 दिनों के लि�? 35वें हैदराबाद राष�?ट�?रीय प�?स�?तक मेले में भारी भीड़ उमड़ी। मेले में 10 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया, जो रविवार को समाप�?त हो गया। समापन समारोह में महाराष�?ट�?र के पूर�?व राज�?यपाल सी विद�?यासागर राव और राज�?य योजना बोर�?ड के उपाध�?यक�?ष बी विनोद क�?मार म�?ख�?य अतिथि थे। कला भारती के आयोजकों के अन�?सार, पिछले वर�?षों की त�?लना में इस वर�?ष दर�?शकों की संख�?या में 30-40 प�?रतिशत की वृद�?धि ह�?ई है। 11 दिनों में कविता पर 10 सहित 25 से अधिक प�?स�?तकों का विमोचन किया गया। साथ ही विभिन�?न विद�?यालयों के छात�?र-छात�?राओं द�?वारा सांस�?कृतिक कार�?यक�?रमों का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते ह�?�? राव ने कहा कि भारत हमेशा से नास�?तिक और नास�?तिक तर�?कों का घर रहा है। सिलेबस बदलने पर काम कर रही बीआर�?स सरकार क�?मार ने कहा कि बीआर�?स सरकार 100 स�?कूलों को पायलट प�?रोजेक�?ट के तौर पर लेकर सिलेबस बदलने का काम कर रही है। “हम नैतिक कहानियों, पर�?यावरण, व�?यक�?तित�?व निर�?माण और समाज को पाठ�?यक�?रम के रूप में शामिल करने जा रहे हैं”। ब�?क फेयर सोसाइटी के अध�?यक�?ष जे गौरीशंकर ने कहा कि अलग-अलग तर�?क होने पर भी किताबें लोगों को जोड़ती हैं। कहा जाता है कि किताबें पढ़ने से लोगों में ज�?ञान बढ़ता है। “�?क व�?यक�?ति जिसने प�?स�?तकों का अध�?ययन किया है वह दूसरों की भावनाओं को सम�? सकता है और प�?स�?तकों और साहित�?य चर�?चाओं का निरंतर अध�?ययन मानव ब�?द�?धि का विस�?तार कर सकता है। पिछले वर�?षों की त�?लना में य�?वा पाठकों की संख�?या में जबरदस�?त वृद�?धि ह�?ई है”।
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CREDIT NEWS: thehansindia