शाहप�?र का किसान 12 राज�?यों में ‘लो-चिल’ सेब के पौधे बेचता है
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जनता से रिश�?ता वेबडेस�?क। कांगड़ा जिले के शाहप�?र क�?षेत�?र के �?क किसान पूरन चंद, क�?षेत�?र के य�?वाओं के लि�? �?क प�?रेरणा बन ग�? हैं, क�?योंकि वह देश भर में सेब की ‘लो-चिल’ किस�?मों के पौधे उगा रहे हैं और बेच रहे हैं। उनके पास लगभग 200 सेब के पेड़ों का बाग है जो शाहप�?र क�?षेत�?र में ‘लो-चिल’ किस�?म का उत�?पादन करते हैं।
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किसानों का मार�?गदर�?शन करना
मैं 12 राज�?यों में लगभग 30,000 पौधे बेच रहा हूं। देश भर के कई किसान मार�?गदर�?शन के लि�? म�?�?से ऑनलाइन संपर�?क करते हैं। हाल ही में मैंने उन किसानों को सलाह देने के लि�? महाराष�?ट�?र, मध�?य प�?रदेश और कर�?नाटक का दौरा किया, जिन�?होंने मेरी नर�?सरी से पौधे खरीदे थे। पूरन चंद, किसान
द ट�?रिब�?यून से बात करते ह�?�?, पूरन चंद ने कहा कि उन�?होंने 2018 में शाहप�?र इलाके के द�?र�?गेला गांव में ‘लो-चिल’ किस�?मों को उगाना श�?रू किया था। अब उनके पौधों ने रिटर�?न देना श�?रू कर दिया है। “सेब इतना अच�?छा था कि उसे तैयार खरीदार मिल ग�?। चूंकि मेरे बाग में सेब जून में पकते हैं, इसलि�? यह अन�?य किस�?मों की त�?लना में ऑफ-सीजन है।”
पूरन चंद ने कहा कि दो साल पहले उन�?होंने पट�?टे पर जमीन का �?क ट�?कड़ा लिया था और ‘लो-चिल’ किस�?मों की �?क नर�?सरी श�?रू की थी। “अब मैं प�?रति वर�?ष देश के 12 राज�?यों में लगभग 30,000 पौधे बेच रहा हू�?। देश भर के कई किसान म�?�?से ऑनलाइन संपर�?क करते हैं। हाल ही में मैंने उन किसानों को सलाह देने के लि�? महाराष�?ट�?र, मध�?य प�?रदेश और कर�?नाटक का दौरा किया, जिन�?होंने मेरी नर�?सरी से पौधे खरीदे थे,” उन�?होंने कहा।
पूरन चंद ने कहा कि वह किसानों को पौधों की छंटाई के समय के बारे में सलाह देते हैं ताकि उन�?हें सही समय पर फल मिलें। “यह किस�?म पूरे देश में लोकप�?रिय हो रही है। कई किसान इसे अपना रहे हैं क�?योंकि यह पारंपरिक फसलों की त�?लना में अधिक लाभ देता है।”
उन�?होंने कहा कि यह द�?र�?भाग�?यपूर�?ण है कि कई किसानों के पास जमीन का बड़ा हिस�?सा है, लेकिन वे उस पर क�?छ भी उगा नहीं रहे हैं। हालांकि, कई छोटे और य�?वा किसान हैं जो खेतों में कड़ी मेहनत करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास पर�?याप�?त जमीन नहीं है, उन�?होंने कहा कि सरकार को �?क �?सी नीति बनानी चाहि�? जिसके तहत किसानों को आसानी से पट�?टे पर जमीन मिल सके। उन�?होंने कहा कि सरकार को राज�?य में दूसरी बागवानी क�?रांति के लि�? ‘लो-चिल’ किस�?मों को समर�?थन देना चाहि�?।