राज�?य की राजनीति के लि�? �?क उच�?च-दांव वाला वर�?ष

नया साल सत�?ताधारी और विपक�?षी दलों के लि�? निर�?णायक होने की उम�?मीद है, जो �?क बड़ी परीक�?षा की तैयारी कर रहे हैं- निकाय च�?नाव, जिसके बाद 2024 में आम च�?नाव और विधानसभा च�?नाव होंगे। महाराष�?ट�?र अगले लोक में भाजपा की ताकत का निर�?धारण करेगा। सभा जो लगातार तीसरी बार सत�?ता में लौटने की अपनी योजना को साकार करने में मदद करेगी। अगर इस साल फैसला ह�?आ तो अदालती मामले �?कनाथ शिंदे-देवेंद�?र फडणवीस सरकार के भाग�?य का भी फैसला करेंगे।

दांव पर क�?या है

महा विकास अघाड़ी को गिराने का मकसद राज�?य में सत�?ता में रहना था ताकि महाराष�?ट�?र से अधिक से अधिक सीटें जीतने की भाजपा की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके, जहां से 48 सांसद आते हैं, जो उत�?तर प�?रदेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख�?या है। �?कनाथ शिंदे के नेतृत�?व में शिवसेना से अलग ह�?आ समूह भाजपा की इस खोज में नया सहयोगी होगा।

हालांकि, प�?नर�?परिभाषित भगवा गठबंधन के लोकसभा च�?नाव में जाने से पहले, उसे निकाय च�?नावों में मतदाताओं की जांच से ग�?जरना होगा और क�?छ कानूनी लड़ाई जीतनी होगी, जो 2023 में तय होने पर राज�?य की राजनीति को प�?रभावित करने की उम�?मीद है। नागरिक वार�?ड परिसीमन और राजनीतिक आरक�?षण के मामले में अदालतों को अभी फैसला करना है। मंजूरी से च�?नाव होंगे और सरकार के पक�?ष में फैसला आने पर उसे फायदा होगा।

 सबसे महत�?वपूर�?ण बात यह है कि शिंदे समूह के विधायकों की अयोग�?यता पंक�?ति और शिवसेना ग�?टों के बीच मूल पार�?टी की स�?थिति और च�?नाव चिन�?ह के लि�? लड़ाई 2023 में सबसे ज�?यादा देखी जाने वाली कानूनी घटना�?ं होंगी। राजनीतिक सूत�?रों ने कहा कि अगर शिंदे समूह के विधायकों को अयोग�?य घोषित किया गया, मंत�?रालय में समीकरण बदलना तय था। उन�?होंने कहा कि विधानसभा च�?नाव भी जल�?दी हो सकते हैं। सामान�?य तौर पर, लोकसभा च�?नाव के छह महीने बाद 2024 की सर�?दियों में सदन का कार�?यकाल समाप�?त हो जा�?गा।

कयासों के बीच सत�?ता पक�?ष और विपक�?ष दोनों ही टॉप गियर में आ ग�? हैं। सरकार ने मतदाताओं को ल�?भाने के लि�? कई घोषणा�?ं की हैं और इस साल कई और वादे कि�? जा�?ंगे। प�?रधानमंत�?री नरेंद�?र मोदी के नागप�?र में हाल के कार�?यक�?रम ने संकेत दिया कि वह भविष�?य में नई परियोजनाओं की नींव रखने और तैयार परियोजनाओं का उद�?घाटन करने के लि�? राज�?य का दौरा करेंगे। आगामी च�?नावों और राज�?य को �?क और डबल इंजन सरकार देने के संकल�?प को ध�?यान में रखते ह�?�? भाजपा की सार�?वजनिक पह�?ंच तेज कर दी गई है।

आगे की च�?नौतियां

उधर, महा विकास अघाड़ी ने अगले बड़े च�?नाव तक साथ रहने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उन�?होंने नवंबर 2019 और जून 2022 के बीच �?कता का फल चखा है, लेकिन मतभेदों को विकसित कि�? बिना नहीं। सत�?ता के गलियारों ने महसूस किया था कि �?मवी�? का �?क घटक सरकार से बाहर हो जा�?गा, लेकिन भविष�?यवाणियों के विपरीत, शिवसेना अलग हो गई और इसके दो-तिहाई विधानसभा सदस�?य पिछले सहयोगी के साथ सरकार में बैठे। इस साल विपरीत पक�?षों- �?मवी�? और भाजपा-शिंदे सेना गठबंधन की �?कता की परीक�?षा होगी।

जबकि स�?थापित पार�?टियां इसके भीतर और बाहर राक�?षसों से लड़ती हैं, ब�?लॉक पर नया बच�?चा, बालासाहेबंची सेना भी �?क बड़ी च�?नौती होगी। सी�?म �?कनाथ शिंदे की चिंता अपने 40 विधायकों के �?�?ंड को ख�?श रखने और किसी भी स�?थिति में �?क साथ रखने की है। मंत�?रिपरिषद में जगह बनाने से चूके लोग शिंदे की टीम में शामिल होने को बेताब हैं. सत�?तारूढ़ दलों ने मंत�?रिमंडल के विस�?तार के फार�?मूले पर सहमति नहीं जताई है, जाहिर है क�?योंकि शिंदे समूह अधिक विधायकों को समायोजित करने के लि�? अधिक सीटें चाहता है। बीजेपी चाहती है कि कैबिनेट सीटों का बंटवारा संबंधित सत�?ताधारी पार�?टियों के विधायकों की संख�?या के आधार पर हो. शिंदे को समर�?थन देने वाले निर�?दलीय विधायक नई मांगें उठाना बंद नहीं करेंगे।

शीर�?ष पर पह�?ंचने वाले शिंदे के लि�? यह �?क निर�?णायक वर�?ष होगा। यह देखना दिलचस�?प होगा कि क�?या वह पूरे महाराष�?ट�?र प�?रभाव वाले नेता के रूप में उभर कर सामने आते हैं। उनका सीधा म�?काबला देवेंद�?र फडणवीस, उनके डिप�?टी और सहयोगी, और उद�?धव ठाकरे हैं, जो समानांतर शिवसेना का नेतृत�?व करते हैं। फडणवीस के लि�?, 2023 उन�?हें फिर से �?क प�?रम�?ख रणनीतिक भूमिका लेकर आया है। उन�?होंने 2017 के बी�?मसी च�?नावों में �?कीकृत सेना को टक�?कर देने और शिवसेना के साथ गठबंधन में विधानसभा में बह�?मत हासिल करने के लि�? पार�?टी के अंतिम अभियान का नेतृत�?व किया था। लेकिन अजीत पवार के साथ अल�?पकालिक सरकार बनाने के बाद वह �?मवी�? प�?रारूप से हार ग�?। वह 30 महीने बाद शिंदे के डिप�?टी के रूप में सत�?ता में वापस आ�?, लेकिन जब भी भाजपा सी�?मओ के लि�? दावा करने की स�?थिति में होती है, तब भी वह अपनी पार�?टी के कार�?यकर�?ताओं की पहली पसंद बने रहते हैं।


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