मानसिक रूप से स�?वस�?थ वर�?ष की प�?रतीक�?षा

जनता से रिश�?ता वेबडेस�?क | सदियों से, मानसिक स�?वास�?थ�?य को नज़रअंदाज़ किया गया और कलंकित किया गया। लोगों का मानना था कि �?क व�?यक�?ति अपने पिछले कर�?मों के कारण “पागल” हो जाता है, उन�?हें डर था कि मानसिक बीमारी वाला प�?रत�?येक व�?यक�?ति �?क संभावित हत�?यारा है और वे �?से लोगों को पागलखाने में बंद करना पसंद करते थे। अधिकांश नागरिकों का मानना था कि मन�?ष�?यों की केवल दो श�?रेणियां हैं: हम “सामान�?य” वाले, और “वे” पागल या पागल। यहां तक कि अवसाद जैसी छोटी-मोटी समस�?याओं से पीड़ित लोगों को भी आलसी, अक�?षम या दिखावटी सम�?ा जाता था।

वास�?तव में, शारीरिक स�?वास�?थ�?य की तरह मानसिक स�?वास�?थ�?य भी �?क सातत�?य है। कोई भी मन की �?सी स�?थिति में हो सकता है जो स�?वास�?थ�?य और बीमारी के बीच उतार-चढ़ाव करता है, जैसा कि शारीरिक स�?वास�?थ�?य में होता है। तथ�?य यह है कि मानसिक स�?वास�?थ�?य केवल शारीरिक स�?वास�?थ�?य जितना ही महत�?वपूर�?ण नहीं है, क�?छ मायनों में यह शारीरिक स�?वास�?थ�?य से भी अधिक महत�?वपूर�?ण है। �?क व�?यक�?ति का दिमाग मजबूत होने पर शारीरिक दर�?द का सामना कर सकता है, लेकिन इसके विपरीत नहीं।
श�?क�?र है कि पिछले क�?छ वर�?षों में मानसिक स�?वास�?थ�?य के म�?द�?दों से निपटने में उल�?लेखनीय प�?रगति ह�?ई है। गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लि�?, मनश�?चिकित�?सीय दवा महत�?वपूर�?ण रूप से विकसित ह�?ई है और कई पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं, जबकि अन�?य को समाज में सामान�?य रूप से कार�?य करने के लि�? ‘रखरखाव ख�?राक’ पर रखा जा सकता है। मनोवैज�?ञानिकों, परामर�?शदाताओं और मनोचिकित�?सकों द�?वारा कम गंभीर समस�?याओं से प�?रभावी ढंग से निपटा जा रहा है।
इसके कारण ह�?�? सभी आघातों के लि�?, कोविड ने सामाजिक-भावनात�?मक और मानसिक स�?वास�?थ�?य से संबंधित म�?द�?दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद की। आज, जैसा कि हमने न�? साल में प�?रवेश किया है, हम इस तरह के म�?द�?दों से सफलतापूर�?वक निपटने के लि�? पहले की त�?लना में कहीं बेहतर तरीके से स�?सज�?जित हैं। यह अन�?मान लगाया गया है कि 1-2% वयस�?क सिज़ोफ�?रेनिया, बाइपोलर डिसऑर�?डर या डिमेंशिया जैसी बड़ी मानसिक बीमारियों से पीड़ित हैं, और बह�?त अधिक संख�?या में व�?यक�?तित�?व विकार, ज�?नूनी-बाध�?यकारी विकार आदि जैसी च�?नौतिया�? हैं। ये सभी प�?रम�?ख रूप से उपचार योग�?य हो ग�? हैं, बशर�?ते व�?यक�?ति प�?रारंभिक अवस�?था में इलाज के लि�? ले जाया जाता है।
शायद मानसिक स�?वास�?थ�?य की सबसे आम च�?नौती अवसाद है। यह ब�?खार का मानसिक समकक�?ष है जिसकी �?क विस�?तृत श�?रृंखला भी है। यह क�?छ दिनों के लि�? हल�?की कम भावनाओं से लेकर गंभीर निरंतर लक�?षणों तक हो सकता है जो किसी व�?यक�?ति को निष�?क�?रिय बना सकता है। यदि कोई व�?यक�?ति यह स�?वीकार करने के लि�? तैयार है कि वह अवसाद से ग�?जर रहा है, और चिकित�?सा से ग�?जरने को तैयार है, तो चिकित�?सा और मनोवैज�?ञानिक उपचार के संयोजन के माध�?यम से इस पर काबू पाने के सरल तरीके हैं।
जश�?न मनाने लायक सबसे बड़ा विकास यह है कि हाल के दिनों में आसपास के लोगों से किसी भी व�?यक�?ति के लि�? व�?यापक स�?वीकृति, यहां तक कि समर�?थन भी मिला है, जो �?सी परिस�?थितियों से ग�?जर रहा है जो उसके मानसिक स�?वास�?थ�?य को खराब कर सकता है। क�?छ अपनों की सम�? और प�?रोत�?साहन भी ठीक होने और आगे बढ़ने की प�?रक�?रिया में महत�?वपूर�?ण भूमिका निभाता है।
जातिगत कठोरता, विविधता के प�?रति ख�?लापन, यहां तक कि LGBTQIA+ को स�?वीकार करने और बेहतर पारिवारिक गतिशीलता के प�?रयासों के क�?षेत�?रों में अच�?छी प�?रगति ह�?ई है। हालांकि आध�?निक और विशेष रूप से शहरी जीवन शैली में क�?छ मानसिक स�?वास�?थ�?य समस�?या�?ं उत�?पन�?न होना स�?वाभाविक है, लेकिन उन�?हें पहले की त�?लना में काफी बेहतर तरीके से संभाला जा रहा है। हाला�?कि, समय की आवश�?यकता है कि सामाजिक समर�?थन को मजबूत किया जा�?, निरंतर जागरूकता गतिविधियों के माध�?यम से स�?वीकृति में और स�?धार किया जा�? और यह स�?निश�?चित किया जा�? कि जब भी कोई खतरा हो, तो उससे जल�?द से जल�?द निपटा जा�?।
इक�?कीसवीं सदी में लोगों को जिन च�?नौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उनमें परिवारों के आकार में कमी, प�?रियजनों से दूर रहना, शराब और नशीली दवाओं की आसान उपलब�?धता, उच�?च तनाव वाली नौकरियां, तीव�?र प�?रतिस�?पर�?धा, संत�?ष�?टि में देरी करने में असमर�?थता, बच�?चे अपनी बात पर जोर देना शामिल हैं। अधिकार और स�?वतंत�?रता, और वैवाहिक संबंधों में तनाव। अच�?छी खबर यह है कि अब इन सभी से प�?रभावी ढंग से निपटा जा सकता है।
रोकथाम इलाज से बेहतर है। कम से कम परेशानी के साथ तनाव को कैसे संभालना है, यह सीखना, अपने निकट और प�?रिय लोगों की व�?यक�?तित�?व का सम�?मान करना, कम ग�?स�?सा करने जैसे म�?द�?दों के बारे में जागरूक होना और जीवन की गति को धीमा करना अच�?छे मानसिक स�?वास�?थ�?य को बना�? रखने में काफी मदद कर सकता है। जैसा कि प�?रानी कहावत है: “फूलों को सूंघने के लि�? अभी र�?कें।”
जैसा कि हम अपने शारीरिक स�?वास�?थ�?य के लि�? करते हैं, यह पहचान कर कि यदि कोई मानसिक स�?वास�?थ�?य समस�?या सामने आती है तो हमें किससे परामर�?श करने की आवश�?यकता है, समय पर मदद स�?निश�?चित कर सकता है। पड़ोसियों, रिश�?तेदारों, सहकर�?मियों और दोस�?तों के प�?रति विचारशील और देखभाल करने से मानसिक स�?वास�?थ�?य की समय पर रोकथाम और संरक�?षण हो सकता है।

जनता से रिश�?ता इस खबर की प�?ष�?टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध�?यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरलहो रही थी जिसके चलते इस खबर को प�?रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश�?ता खबर की सच�?चाई को लेकर कोई आधिकारिक प�?ष�?टि नहीं करता है।

CREDIT NEWS: newindianexpress


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