सबसे कठिन परीक्षाओं की गिनती में शामिल: JEE की सफलता दर 6% और यूपीएससी की 1%

जयपुर: छात्रों में परीक्षा के तनाव का बड़ा कारण देश के कॉम्पिटिटिव एग्जाम्स का डिफिकल्टी लेवल भी है। शैक्षणिक संस्थानों में परीक्षा देने वाले छात्रों की तुलना में बहुत कम सीट्स हैं। वहीं नौकरियों के अवसर भी सीमित हैं। ने देश की छह बड़ी परीक्षाओं के डिफिकल्टी लेवल का एनालिसिस किया तो सामने आया कि यूपीएससी सीएसई और आईआईटी एंट्रेंस जेईई एडवांस्ड विश्व की मुश्किल परीक्षाओं में शामिल हैं।

देश के सबसे बड़े मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम नीट यूजी में सबसे कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है। साल 2023 में 20.38 लाख छात्रों ने मेडिकल एंट्रेंस दिया था और 11.45 लाख स्टूडेंट्स को काउंसलिंग में भाग लेने के लिए एलिजिबल किया गया था। इनमें से मात्र एक लाख छात्रों को ही मेडिकल कॉलेजेज में सीट मिली। यानी, नीट क्वालिफाय करने वाले भले ही 51 फीसदी रहे हों, लेकिन परीक्षा देने वाले छात्रों में से मात्र पांच प्रतिशत स्टूडेंट्स ही एमबीबीएस की सीट हासिल कर पाए।