कोरोना वैक्सीन को लेकर ICMR ने की रिसर्च, युवाओं में बढ़े हार्ट अटैक के मामलों का मिला जवाब

नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपने एक रिसर्च में इस बात का दावा किया है कि हाल के कुछ महीनों में लोगों की जो अचानक मौत हो रही है इसके लिए कोविड​-19 के टीके जिम्मेदार नहीं हैं। इसके लिए देश भर के 39 नेटवर्क अस्पतालों के डेटा की स्टडी की गई है। आईसीएमआर ने कहा है कि टीकाकरण ने अचानक होने वाली मौतों के जोखिम को कम कर दिया है। अचानक होने वाली मौतें ज्यादातर दिल की स्थितियों जैसे अनियमित दिल की धड़कन, हृदय की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह में बाधा और ऐसी स्थिति के कारण होती हैं जहां हृदय की मांसपेशियां दूसरों के बीच प्रभावी ढंग से रक्त पंप करने की क्षमता खो देती हैं।

मौतों को टीकाकरण से जोड़ने की रिपोर्ट के बाद इस साल की शुरुआत में देश के शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संगठन द्वारा अध्ययन शुरू किया गया था। अक्टूबर 2021 और मार्च 2023 के बीच 18 से 45 वर्ष के लोगों की अचानक हुई 729 मामलों पर अध्ययन किया गया। डेटा की तुलना समान आयु, लिंग और समान परिस्थितियों में रहने वाले 2,916 स्वस्थ व्यक्तियों से की गई थी। पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने गरबा के दौरान होने वाली मृत्यु को लेकर चिंता जाहिर की थी।

डॉ. मनोज मुरहेकर ने कहा, “लोगों में टीकों को लेकर बहुत आशंका थी जिसके कारण अचानक होने वाली मौतों में वृद्धि हुई। कई तरह की खबरें सामने आ रही थीं। इसलिए, इस अध्ययन को करना महत्वपूर्ण था कि अचानक मृत्यु टीकाकरण से जुड़ी है या नहीं।”

रिसर्च ने टीकों को इसका कारण नहीं बताया है। लेकिन यह जरूर कहा है कि कोविड​-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने से अचानक मृत्यु का खतरा बढ़ गया है। जिन लोगों की अचानक मृत्यु हुई उनमें गंभीर कोरोना होने की संभावना चार गुना अधिक थी। टीकाकरण एक सुरक्षा कवच हो सकता था।

रिसर्च ने अचानक मृत्यु के अन्य जोखिम कारकों के रूप में अचानक मृत्यु के पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान की स्थिति, अत्यधिक शराब पीने और अत्यधिक तीव्रता वाले व्यायाम की पहचान की है। अध्ययन के अनुसार, जिस मरीज के परिवार में अचानक मृत्यु का इतिहास रहा हो उसकी अचानक मृत्यु से जुड़े होने की संभावना लगभग तीन गुना अधिक थी। अध्ययन से पता चलता है कि वर्तमान धूम्रपान की आदतें अचानक होने वाली मौतों से जुड़ी होने की संभावना लगभग दोगुनी थी। हृदय संबंधी घटना से 48 घंटे पहले अत्यधिक शराब पीने से जोखिम बढ़ने की संभावना छह गुना अधिक थी। किसी घटना से 48 घंटे पहले की गई जोरदार शारीरिक गतिविधि भी अचानक मृत्यु से जुड़ी होने की लगभग तीन गुना अधिक संभावना थी।

अध्ययन में कहा गया है कि जिन मार्गों के माध्यम से सीओवीआईडी ​​-19 अचानक मौतों का कारण बन सकता है उन्हें वर्तमान में अच्छी तरह से समझा नहीं गया है। लेकिन अन्य अध्ययनों से पता चला है कि संक्रमण से वायरस सहित विभिन्न तंत्रों के माध्यम से हृदय रोग और स्ट्रोक में वृद्धि हो सकती है।

यह तीन अध्ययनों में से एक है। अगस्त में 31 अस्पतालों में किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि अगले वर्ष अस्पताल में भर्ती कोविड-19 से पीड़ित 6.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो गई। इसमें कहा गया है कि इनमें से ठीक हुए मरीजों में से 17.5 प्रतिशत को सुस्ती और सांस फूलने की समस्या का सामना करना पड़ा।


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