कम दिखाई भवनों की संख्या, सत्यापन शुरू

बरेली: डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के यूजर चार्ज में हुए घोटाले की परतें खुलने लगी है. यह एक घोटाला एजेंसियों द्वारा भवनों के संख्या सर्वे से जुड़ा है. 80 वार्ड में दोनों एजेंसियों ने केवल 1.13 लाख भवनों की संख्या सर्वे दिखा था. जबकि ताजा जीआईएस सर्वे की रिपोर्ट ने शहर के अंदर भवनों की संख्या 2.28 लाख दिखाई है. भवनों की संख्या कम दिखा यूजर चार्ज में घोटाले की बू आ रही है. नगर निगम के अधिकारियों ने इस प्रकरण में भवनों की सच्चाई जानने के लिए सत्यापन कराना शुरू कर दिया है.
शहर के 80 वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी दो एजेंसी पाथ्या और आनंद नारायण साहू को मिली थी. पाथ्या एजेंसी का जोन 1 और 3 दिया गया. जबकि आनंद साहू को जोन 2 और 4 की कमान सौपी. दोनों एजेंसियों ने कूड़ा कलेक्शन करने से पहले अपने अपने जोन का सर्वे किया और भवनों की संख्या बताई. दोनों एजेंसियों ने 1.13 लाख भवनों का सर्वे दिखाकर काम शुरू कर दिया. इसमें भी कॉमर्शियल भवनों की संख्या कम दिखाई. जबकि जीआईएस सर्वे में शहर में भवनों की संख्या 2.28 लाख आई है.

जितना हो पाया हमने सर्वे कर कूड़ा कलेक्शन किया
मैसर्स आनंद नारायण कॉन्ट्रेक्टर आनंद साहू का कहना है कि जितना हो पाया हमने सर्वे करके वहां से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कराया गया. हमारे साथ तमाम कर्मचारी जुड़े थे जिन्हें तनख्वाह दी जाती है. नगर निगम से कई बार भुगतान के लिए कहा गया था.
हमारी ओर से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है
मैसर्स पाथेय के प्रबंधक एचके राय ने कहा कि हमने अपने जोन के सभी वार्डों में भवनों की संख्या का सर्वे किया. जो हम कर पाए वहां डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर रहे हैं. हमारी ओर से कोई गड़बड़ी नहीं की गई है. जो भवन रह गए हैं उनका सर्वे नहीं हुआ है.
भवनों का सत्यापन कराया जा रहा है. किस वार्ड से कितना यूजर चार्ज लिया और कितने भवन है रिपोर्ट बन रही है. एक फर्म को नगर निगम ब्लैक लिस्ट कर चुकी है. – निधि गुप्ता वत्स, नगरायुक्त