छठ का दूसरा दिन खरना , जानें इस दिन करना चाहिए

ज्योतिष न्यूज़ : सूर्य साधना कल का महापर्व छठ का आरंभ यानि 17 नवंबर दिन शुक्रवार को होगा और समापन 20 नवंबर दिन सोमवार को होगा। यह पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है जिसमें पहले दिन नहाय होता है तो वहीं दूसरे दिन खरना होता है। जो कि आज 18 नवंबर दिन शनिवार को पड़ा है।

इस दिन को बेहद खराब माना जाता है खरना व्रत के दौरान कई तरह की परंपराएं मनाई जाती हैं और छठी माता और सूर्य देव के लिए भोग और प्रसाद तैयार किया जाता है। बता दें कि छठ का प्रसाद एक बंद कमरे में बताया जाता है, तो आज हम आपको छठ के खरना से जुड़ी जानकारी बता रहे हैं और यह भी बताएं कि छठ के खरना पर क्या करें।
खरना का व्रत कैसे करें—
छठ महापर्व का दूसरा दिन खरना होता है इस दिन व्रती पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन महिलाएं शाम को पूजा के बाद 36 घंटे का व्रत रखती हैं। शाम के पहले भगवान को रोटी, गुड़ की खीर और फल का भोग लगाया जाता है इसी भोग के प्रसाद को ग्रहण करके व्रत का आरंभ किया जाता है। यह व्रत सप्तमी तिथि की सुबह उगते हुए सूर्य को जल देने से समाप्त हो जाता है।
क्या करें क्या ना करें—
छठ के दूसरे दिन खरना का प्रसाद वक्ता साफ सफाई और गणेश का विशेष ध्यान रखें। अगर इस दिन घर पर कोई व्यक्ति अपनी इच्छा से घर आता है तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। उसे अपनी इच्छानुसार कुछ न कुछ अवश्य देना चाहिए। व्रती महिलाओं को इस दिन मन में भूलकर भी बुरे विचार नहीं लाने चाहिए। क्रोध नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरान आप छठी मैया और भगवान सूर्यदेव की पूजा में अपना पूरा ध्यान लगाएं। व्रत करने वाली महिलाओं के घर में कोई भी मांस का टुकड़ा या फिर प्याज-लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।