शोधकर्ताओं का कमाल, कठिन डिजाइन आसान बनाने में मदद

मंडी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के शोधकर्ताओंं ने एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से एक व्यापक विश्लेषण किया है। इसमें यह निष्कर्ष निकला है कि मेटल 3डी प्रिंटिंग के अन्य तरीकों की तुलना में एक्सट्रूजऩ आधारित मेटल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया सबसे बेहतर और लागत प्रभावी विधि है। मेटल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया कंप्यूटर-एडिड डिज़ाइन (सीएडी) प्रोग्राम या 3डी स्कैनिंग के माध्यम से मजबूत, जटिल घटकों के निर्माण के लिए महीन धातु पाउडर का उपयोग करती है। यह परत-दर-परत निर्माण प्रक्रिया जटिल संरचनाओं को डिजाइन करने और एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, स्पेयर पाट्र्स, हीट सिंक, बायोमेडिकल डिवाइस और निर्माण सामग्री जैसे विभिन्न उद्योगों के उपयोगों में सरलता प्रदान करती है।

इस शोध टीम में आईआईटी मंडी से डा. प्रतीक सक्सेना के साथ शोधार्थी नवीन कुमार बंकपल्ली और विशाल गुप्ता, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से डा. अंकुर बाजपेयी और टेक्निकल यूनिवर्सिटी बर्लिन से क्रिश्चियन लाहोडा तथा फ्रौनहोफर इंस्टीट्यूट फॉर प्रोडक्शन सिस्टम्स एंड डिजाइन टेक्नोलॉजी, आईपीके, जर्मनी के डा. जूलियन पोल्टे शामिल हैं। इस शोध जर्नल कंपोजिट्स भाग बी में प्रकाशित किया गया है। वास्तविक जीवन में इस शोध के प्रयोग के बारे मे आईआईटी मंडी के रिसर्च स्कॉलर नवीन कुमार बंकपल्ली ने बताया कि यह विश्लेषण व्यक्तियों, उद्योगों या शोधकर्ताओंं को स्वतंत्र रूप से इस तकनीक को विकसित करने और लागू करने में सक्षम बनता है, जिससे धातु के लागत प्रभावी बड़े पैमाने पर उत्पादन की सुविधा मिलती है। इसके अलावा सहायक प्रोफेसर डा. प्रतीक सक्सेना ने बताया कि वर्तमान में केवल विदेशी कंपनियां ही इस पूरी प्रक्रिया में हावी हैं और अपना एकाधिकार बना रही हैं।