ग्रहण काल गर्भवती महिलाएं हो जाएं सावधान,हो सकताहै बुरा परिणाम

ज्योतिष न्यूज़ : ज्योतिषशास्त्र में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है जो कि मानव जीवन पर शुभ अशुभ प्रभाव डालती है इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण कल यानी 28 अक्टूबर दिन शनिवार को लगने जा रहा है इसी दिन आश्विन मास की पूर्णिमा है जिसे शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है सभी पूर्णिमा तिथियों में शरद पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है जो कि धन की देवी माता लक्ष्मी की साधना आराधना को समर्पित होती है।

इसी दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। जो भारत में दिखाई नहीं देगा। इसी कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। शरद पूर्णिमा के मौके पर लगने वाला ग्रहण 28 अक्टूबर की मध्य रात्रि से आरंभ हो जाएगा जिसका समापन 2 बजकर 25 मिनट पर होगा।
ज्योतिष अनुसार ग्रहण काल के समय सभी को कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत होती है लेकिन खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है माना जाता है कि ग्रहण काल में नकारात्मक शक्तियां अधिक हावी रहती है जो गर्भवती महिलाओं पर अशुभ प्रभाव डालती है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है तो आइए जानते हैं।
गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का विशेष ध्यान—
ज्योतिष अनुसार गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण भूलकर भी नहीं देखना चाहिए बल्कि इससे परहेज करना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण काल के समय घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए। ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ऐसे स्थान पर रहना चाहिए जहां ग्रहण की किरणें अपना प्रभाव न डाल सकें। ग्रहण काल के दौरान महिलाएं अधिक से अधिक विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें।
लेकिन इस दौरान मंदिर के भीतर प्रवेश न करें। ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाओं को नुकीली चीजों जैसे चाकू, कैंची, सुई आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए इसके अलावा भोजन करने से भी परहेज करना चाहिए। वरना गर्भ में पल रहे शिशु के जीवन को संकट हो सकता है।
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