पंचशील समझौते पर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कही ये बात

नई दिल्ली (एएनआई): चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान भारत के नेतृत्व को कमजोर बताने वाली केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जनता दल-यूनाइटेड के नेता केसी त्यागी ने बुधवार को कहा कि यह कमजोर नेतृत्व नहीं बल्कि चीन ने समझौता तोड़ा था।
केसी त्यागी ने एएनआई को बताया, “यह कमजोर नेतृत्व नहीं था। भारत पंचशील सिद्धांत के लिए खड़ा हुआ जिसका चीनियों ने उल्लंघन किया था।”
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बुधवार को 1962 के भारत-चीन युद्ध का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व को लेकर कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला।
“20 अक्टूबर से 21 नवंबर, 1962 का दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में हमेशा एक काले और अपमानजनक अध्याय के रूप में दर्ज किया जाएगा। यही वह क्षण था जब हजारों भारतीयों और हमारे सशस्त्र बलों के असंख्य सदस्यों ने भ्रामक ‘हिंदी’ के लिए अपने जीवन की कीमत चुकाई।” .-चीनी भाई भाई की नीति का अनुसरण पंडित जवाहरलाल नेहरू और उनके वामपंथी रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व ने किया,” राजीव चन्द्रशेखर ने एक्स में पोस्ट किया।

राजीव चन्द्रशेखर ने आगे आरोप लगाया कि यह कमजोर नेतृत्व ही था जिसने हमारे सशस्त्र बलों के मनोबल को अक्षम्य क्षति पहुंचाई।
इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की उस टिप्पणी के बारे में भी बात की जिसमें उन्होंने लोगों से देश को जातिवाद और क्षेत्रवाद से बांटने वाली ताकतों को खत्म करने को कहा था।
उन्होंने कहा, “जाति व्यवस्था भारतीय अवधारणा में लंबे समय से रही है। सामाजिक समानता के लिए, सभी जातीय समूहों को समान अवसर मिलना चाहिए। तभी जाति व्यवस्था समाप्त होगी।”
यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी मध्य प्रदेश चुनाव में जद (यू) द्वारा पांच सांसदों को मैदान में उतारने से भारतीय गठबंधन पर कोई असर पड़ेगा, केसी त्यागी ने कहा कि राज्यों में सांकेतिक उम्मीदवार उतारने से एकता पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
केसी त्यागी ने कहा, “भारतीय गठबंधन मुख्य रूप से लोकसभा चुनाव के लिए बनाया गया था। जहां प्रधानमंत्री मोदी की मजबूत सरकार है। राज्यों में सांकेतिक उम्मीदवार उतारने से एकता पर कोई फर्क नहीं पड़ता है।”