ट्रांसपोर्ट कंपनी की सेवा में माना दोष, क्षतिपूर्ति के आदेश

बारां । जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सेवा संबंधी मामले में एक ट्रांसपोर्ट कम्पनी को दोषी मानते हुए उसे 60 हजार रूपए की क्षतिपूर्ति सहित मानसिक संताप व परिवाद शुल्क के रूप में 5-5 हजार रूपए पीड़ित को अदा करने के आदेश दिए हैं।
जिला आयोग रीडर गणेश प्रसाद नामा ने बताया कि परिवादी हाल शाखा प्रबन्धक भारतीय स्टेट बैंक शाखा डी डी पार्क बारां कामेश्वर प्रसाद गोस्वामी पुत्र सीताराम गोस्वामी निवासी भरतपुर ने जिला आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया था कि प्रार्थी का स्थानान्तरण भरतपुर से बारां होने के कारण उसका घरेलू सामान भरतपुर से बारां पहुंचाने का विपक्षी मैसर्स महामाया पैकर्स एण्ड मूवर्स की मालिक भारती कंवर पत्नी नरेन्द्र सिंह निवासी उरजान वाला गडराता खेतडी जिला झुंझुनूं ने विश्वास दिलाते हुए वाहन से पहुंचाना तय किया था।

प्रार्थी ने विपक्षी की बात पर विश्वास करते हुए यह कार्य सौंप दिया। विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा परिवादी के घरेलू सामान को वाहन से लापरवाही व जल्दबाजी करके उतारने के कारण एलईडी टीवी सहित अधिकतर सामान खराब हो गया। जिसके कारण प्रार्थी को 1,25,000 रूपए का नुकसान हो गया। विपक्षी को सामान पहुंचाने के एवज में किराया राशि 64,900 रूपए लोडिंग व अनलोडिंग सहित भुगतान किया था। प्रार्थी ने जब विपक्षी के कर्मचारियों द्वारा सामान उतारने एवं चढाने में की गई लापरवाही बाबत शिकायत की तो उसने परिवादी की बात पर कोई ध्यान नही दिया। इन सभी परिस्थितियों से परेशान होकर परिवादी ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग बारां में परिवाद लगाया।
जिला आयोग अध्यक्ष ईशवरी लाल वर्मा, सदस्य ललित वैष्णव व प्रियंका नंदवाना ने दोनों पक्षों की बहस सुन कर एवं साक्ष्य का अध्ययन कर प्रार्थी के परिवाद को स्वीकार करते हुए विपक्षी मैसर्स महामाया पैकर्स एंड मूवर्स दिल्ली सीकर बाईपास रोड मंगल मेला गार्डन के पास जयपुर को आदेश दिया है कि प्रार्थी को बतौर क्षतिपूर्ति 60 हजार रूपए निर्णय की तिथि से 60 दिवस के भीतर अदा करे। साथ ही प्रार्थी को मानसिक संताप के पेटे पांच हजार रूपए व परिवाद खर्च के पेटे पांच हजार रूपए 60 दिवस के भीतर अदा करे। जिला आयोग ने यह भी आदेश दिया है कि आदेशित राशि का भुगतान निर्धारित अवधि में नही करने की सूरत में उन्हे इस सम्पूर्ण राशि पर निर्णय तिथि से अदायगी तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज की राशि अदा करनी होगी।