नवरात्रि में कलश स्थापना करने जा रहे हैं, तो जान लें पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

सनातन धर्म में प्रमुख त्योहारों में से एक शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू होने जा रहा है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है।

ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिन माता पृथ्वी पर भ्रमण करने आती हैं और अपने भक्तों की सभी पीड़ा हर लेती हैं। वहीं भक्त भी माता की सेवा पूरे विधि-विधान के साथ करते हैं। अधिकांश लोग नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना भी करते हैं। मान्यताओं के अनुसार जिस घर में कलश बैठाया जाता है। वहां माता रानी का वास होता है और उस घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
ऐसे में अगर आप कलश स्थापना करने जा रहे हैं, तो किन-किन पूजा सामग्री का उपयोग किया जाता है। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जानें शारदीय नवरात्रि के दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त दिनांक 15 अक्टूबर को सुबह 11:44 मिनट से लेकर इसका समापन दिनांक 15 अक्टूबर को दोपहर 12:30 मिनट पर होगा।
कलश स्थापना पूजन सामग्री विधि
कलश स्थापना करने से पहले पूरी सामग्री के बारे में जानें।
कलश, गंगाजल , मौली, रोली,अक्षत, सिक्का, गेहूं या अक्षत, आम के पत्ते का पल्लव (5 आम के पत्ते की डली, मिट्टी का बर्तन, शुद्ध मिट्टी, मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ कपड़ा, कलावा, गेहूं या जौ, पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रूई बत्ती, सिंदूर, लाल वस्त्र, जटा वाला नारियल (नारियल के उपाय) आदि। कलश स्थापना से पहले इन सामग्री को खरीदें।
मां के श्रृंगार के लिए सामग्री खरीदें
मां के श्रृंगार के लिए सामग्री यहां विस्तार से पढ़ें।
माता के लिए लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, पायल, माला, कान की बाली, नाक की नथ, सिंदूर (सिंदूर के उपाय), बिंदी, मेहंदी, काजल, महावर या आलता, नेलपॉलिश, लिपस्टिक और इत्र जरूर खरीदें।
जानें जवार बोने के लिए सामग्री
जवार बोने के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से पढ़ें।
मिट्टी का बर्तन, शुद्ध मिट्टी, गेहूं या जौ, मिट्टी पर रखने के लिए एक साफ कपड़ा, साफ जल, और कलावा आदि।
जानें अखंड ज्योति जलाने के लिए सामग्री
अखंड ज्योति जलाने के लिए सामग्री के बारे में जानें।
पीतल या मिट्टी का दीपक, घी, रूई बत्ती, रोली या सिंदूर, अक्षत आदि।
नौ दिन के लिए हवन सामग्री के बारे में जानें
नवरात्रि के समय भक्त पूरे नौ दिन तक हवन करते हैं। इसके लिए हवन कुंड, आम की लकड़ी, काले तिल, रोलीया कुमकुम, अक्षत, जौ, धूप, पंचमेवा, घी, लोबान, लौंग का जोड़ा, गुग्गल, कमलगट्टा, सुपारी, कपूर, हवन में चढ़ाने के लिए भोग, शुद्ध जल आदि।