पुलवामा में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया गया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिला प्रशासन ने समाज कल्याण विभाग के सहयोग से आज यहां सरकारी बॉयज डिग्री कॉलेज पुलवामा के सभागार हॉल में “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” (बीबीबीपी) के बैनर तले 16वां राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया।

उपायुक्त पुलवामा बसीर-उल-हक चौधरी इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे।
समारोह में एसीआर पुलवामा, सीपीओ पुलवामा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डीईपीओ पुलवामा, अन्य संबंधित अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, पर्यवेक्षक और बड़ी संख्या में लोग भी उपस्थित थे।
इस मौके पर बोलते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस दिन को मनाने का मकसद समाज में लड़कियों के रहने की जगह को बढ़ाना है। डीसी ने कहा कि बालिकाओं के अस्तित्व, सुरक्षा और शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए समन्वित और अभिसरण प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने बीबीबीपी योजना के तहत किए गए विभिन्न अभिनव हस्तक्षेपों की गणना की जिसमें बालिका के जन्म का उत्सव, आईसीडीएस की क्षमता निर्माण और पीसी और पीएनडीटी अधिनियम के कार्यान्वयन और नवजात शिशुओं और माताओं के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के संबंध में स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हैं।
डीसी ने कहा कि प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हर बालिका को उसके सभी अधिकार मिले। उन्होंने लोगों से लड़कियों के ‘गरिमा के अधिकार’ को सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अपनी बेटियों को अच्छी आदतें देते हुए माता-पिता को उन्हें अपनी गरिमा के मूल्यों के बारे में जागरूक करना चाहिए। इस अवसर पर डीसी ने कहा कि महिलाओं को समाज में अपने महत्व और भूमिका का एहसास होना चाहिए। उन्होंने कहा, जिन लड़कियों ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल की है, उन्हें अन्य लड़कियों को उनकी क्षमता का उचित तरीके से उपयोग करने के लिए मार्गदर्शन करने के लिए राजदूत के रूप में कार्य करना चाहिए।
डीसी ने कहा कि चाहे खेल हो, साहित्य हो, विज्ञान हो या शिक्षा हो, लड़कियों ने हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा साबित की है, जिसकी सराहना और सम्मान की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि विषम लिंगानुपात को दूर करने के लिए सभी लाइन विभागों को मिलकर काम करना चाहिए। डीसी ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ (बीबीबीपी) योजना के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और लैंगिक समानता को मजबूत करने पर जोर दिया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के वक्ताओं ने बालिका के महत्व, उसकी शिक्षा और पोषण पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर “बेटी बचाओ बेटी पढाओ” थीम पर गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम और गान प्रस्तुत किया गया।
बाद में उपायुक्त ने नवजात कन्याओं की माताओं को बेबी किट देकर सम्मानित किया और लाड़ली बेटी स्वीकृति पत्र सौंपा।