अफसरी छोड़ मरीजों को देखेंगे डॉक्टर

लखनऊ: 62 साल की उम्र पूरी कर चुके चिकित्साधिकारी अब अफसरी नहीं कर पाएंगे. उन्हें तत्काल प्रशासनिक पद छोड़कर जिला अस्पतालों में मरीज देखने होंगे. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. दीपा त्यागी का यह आदेश तत्काल प्रभाव से विभाग में लागू कर दिया गया है. आदेश की जद में लेवल-1 से लेकर लेवल-4 तक के चिकित्साधिकारी आएंगे यानि सीएमओ से लेकर पीएचसी-सीएचसी प्रभारी भी अब 62 का होने पर इस जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे.
अब अगर 62 साल के यह चिकित्साधिकारी 65 साल तक नौकरी करना चाहते हैं तो उन्हें सिर्फ मरीज देखने होंगे. दरअसल, राज्य सरकार ने बीते दिनों सरकारी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 से बढ़ाकर 65 साल कर दी थी. कैबिनेट के फैसले के बाद 12 अक्तूबर को इसका शासनादेश भी जारी हो गया था. अब स्वास्थ्य महानिदेशक द्वारा 31 अक्तूबर से इस आदेश को प्रभावी कर दिया है.

बोनस की फाइल मुख्यमंत्री के पास पहुंची, जल्द घोषणा
धनतेरस व दीपावली से पहले अराजपत्रित राज्य कर्मचारियों को प्रदेश सरकार बोनस देगी. वित्त विभाग ने बोनस की फाइल तैयार कर अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के पास भेज दी है. इसके साथ ही महंगाई भत्ता, महंगाई राहत वृद्धि की फाइल भी मुख्यमंत्री के पास भेजी गई है. नवंबर का वेतन जो दिसंबर में मिलेगा, के साथ महंगाई भत्ते का नकद भुगतान राज्यकर्मियों को मिलने लगेगा. डीए-डीआर वृद्धि का लाभ कर्मचारियों को जुलाई से मिलेगा.