इमरजेंसी मेडिसिन में जांच, इलाज व ब्लड की सुविधा एक साथ होगी

उत्तरप्रदेश | राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय की इमरजेंसी में आने वाले गंभीर हालत वाले मरीजों का पर्चा बनवाने से लेकर जांच, इलाज, ब्लड आदि के लिए इमरजेंसी से बाहर संबंधित विभागों से सम्पर्क करना पड़ता है. इन सबसे में काफी समय लग जाता है. इससे नाजुक हालत वाले मरीजों के इलाज में उतनी जल्दी नहीं हो पाती जितने की जरूरत होती है. इसके समाधान के लिए इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना की जा रही है. इसमें गंभीर हालत वाले मरीजों के इलाज में काम आने वाले सभी उपकरण, दवाएं, खून आदि इमरजेंसी वार्ड में ही मौजूद रहेंगे. मरीज को तत्काल बिना समय गंवाए इलाज शुरू करना काफी आसान हो जाएगा.

राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय अभी तक जिला अस्पताल का हिस्सा था. इसलिए यहां की इमरजेंसी में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग नहीं बना था. अब यह अस्पताल मेडिकल कॉलेज का हिस्सा हो गया है. इसलिए इमरजेंसी में मेडिसिन विभाग तैयार किया जा रहा है. इमरजेंसी मेडिसिन विभाग का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें नाजुक हालत वाले मरीजों की जांच उनके बेड पर ही करने के लिए मशीनें तैयार रखी जाती हैं. खून या प्लेटलेट्स का स्टॉक रखता है. ताकि ब्लड बैंक से लाने में या जांच के लिए एक्सरे, अल्ट्रासाउंड कक्ष जाने में समय न गंवाना पड़े.
सीएमएस डॉ. सौभाग्य प्रकाश ने बताया कि इंतजाम ऐसा किया जा रहा है कि मरीज के वार्ड में आते ही जांच, इंजेक्शन, खून/प्लेटलेट्स चढ़ाने की व्यवस्था एक साथ, एक ही जगह व तत्काल उपलब्ध हो जाए. इससे डॉक्टर कम से कम समय में डाइग्नोसिस कर यह तय कर सकेगें कि मरीज का इलाज कैसे करना है.
वेंटीलेटर, ऑक्सीजन व आईसीयू की भी होगी सुविधा
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में सामान्य जांच व इलाज की सुविधाओं के साथ वेंटीलेटर, सीटीस्कैन, ऑक्सीजन व आईसीयू जैसी सुविधाएं भी जोड़ी जा रही है. ताकि मरीज को दूसरे शहर के बड़े अस्पताल रेफर करने की बजाय यहीं पर तत्काल और सटीक इलाज शुरू किया जा सके. मेडिकल कॉलेज में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ डॉ. रमेश पांडेय का कहना है कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का इलाज जितनी जल्दी शुरू हो जाता है उनके ठीक होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है. नाजुक हालत वाले मरीजों के लिए यह व्यवस्था बहुत उपयोगी होगी.