सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया सही नहीं

जमशेदपुर: झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ ने जेपीएससी की ओर से की जा रही सहायक प्राध्यापकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. संघ ने कहा है कि जेपीएससी की पूरी प्रक्रिया संदेह के घेरे में है.
संघ ने आरोप लगाया कि हाल में इतिहास विषय के लिए जेपीएससी ने स्थायी नियुक्ति के लिए निर्धारित सीट से पांच गुना अधिक लोगों की सूची जारी की है. इस सूची में शामिल अभ्यर्थियों के कागजात की जांच 11 और 12 को की गई और जो अभ्यर्थी उस दिन नहीं पहुंच पाए थे, उनके प्रमाणपत्रों की जांच 25 तथा को की जानी है.

इससे पहले भी भौतिकी विभाग में सहायक प्राध्यापकों की स्थायी नियुक्ति की गई थी, उसमें जो कट ऑफ तय किया गया था, उसमें साक्षात्कार के बाद जितने पद थे, उतने प्राध्यापक नहीं मिले. नियमानुसार अगर तय कट ऑफ के अनुसार प्राध्यापक पूरे नहीं मिले थे तो कट ऑफ कम कर बाकी अभ्यर्थी में से लेना चाहिए था. लेकिन जेपीएससी ने ऐसा नहीं किया. उस समय भी कागजात जांच के लिए जितने लोगों को बुलाया गया था, उतने का ही प्वाइंट दिखाई दे रहा था. जेपीएससी की इसी प्रक्रिया पर संघ ने सवाल किया है. राकेश कुमार पांडेय ने कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संवेदनशील हैं और चाहते हैं कि राज्य में लगातार नियुक्ति हो, लेकिन जेपीएससी जैसी संस्थाएं अपने अस्पष्ट आचरण से न सिर्फ अभ्यार्थियों में बल्कि आम लोगों में भी शंका का जन्म दे रही हैं. मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे इस मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए वस्तु स्थिति को स्पष्ट करते के लिए जेपीएससी निर्देशित करें.