BMC में शिवसेना ऑफिस पर कब्जे की तैयारी में एकनाथ शिंदे गुट

मुंबई। चुनाव आयोग से शिवसेना और निशानी धनुष-बाण मिलने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के हौसले बुलंद हैं। सोमवार को विधान भवन में कार्यालय मिलने के बाद शिंदे गुट बीएमसी मुख्यालय स्थित शिवसेना ऑफिस पर कब्जे की तैयारी कर रहा है। शिंदे गुट के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि असली शिवसेना हम हैं, इसलिए पार्टी कार्यालय पर हमारा अधिकार है। बीएमसी कार्यालय पर कब्जे के लिए हम कमिश्नर आई.एस. चहल को मंगलवार को पत्र देंगे। हमें विश्वास है कि कार्यालय आसानी से हमें मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएमसी में नगर सेवकों का कार्यकाल ख़त्म हो गया है। ऐसे में कोई यह नहीं कह सकता कि हमारे पास ज्यादा नगरसेवक हैं, इसलिए कार्यालय पर हमारा अधिकार होना चाहिए। अब जिसके पास पार्टी है, कार्यालय भी उसी का होगा। फिलहाल, शिवसेना सहित बीजेपी, एनसीपी, कांग्रेस एवं सपा के कार्यालय सील हैं।

सोमवार को शिंदे गुट द्वारा शिवसेना कार्यालय पर कब्जे की आशंका के बीच बीएमसी मुख्यालय में हलचल बढ़ गई। बड़े पैमाने पर पुलिस बल बीएमसी मुख्यालय के बाहर तैनात कर दिए गए। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट के कई नेता बीएमसी शिवसेना कार्यालय के बाहर घंटों जमे रहे। उनका दावा था कि शिंदे गुट के साथ कुछ ही पूर्व नगरसेवक हैं, इसलिए वे कैसे कार्यालय पर दावा कर सकते हैं। उद्धव गुट ही असली शिवसेना है और हमीं असली शिवसैनिक हैं, देखते हैं कैसे पार्टी ऑफिस पर कब्जा करते हैं। बीएमसी में शिवसेना कार्यालय पर कब्जे को लेकर उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के बीच हुए 28 दिसंबर को आमने-सामने का टकराव हुआ था। इसके बाद बीएमसी कमिश्नर चहल ने शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी, बीजेपी और सपा के कार्यालय 29 दिसंबर को सील कर दिए। उद्धव ठाकरे गुट और बीजेपी के नेताओं ने पार्टी कार्यालय खोलने के लिए चहल को निवेदन दिया, लेकिन कमिश्नर ने ऑफिस खोलने से इनकार कर दिया। सभी दलों के नेताओं ने कहा कि गलती एक ने की और सजा सभी को मिल रही है। कमिश्नर को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। पार्टी कार्यालय में बैठकर हम जनता की समस्याओं का समाधान करते हैं। यहां पूरे मुंबई से लोग आते हैं ,ऑफिस बंद होने से आम जनता को मुश्किल हो रही है।

बीएमसी में शिवसेना कार्यालय को लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने आक्रामक रुख अपनाया है। ठाकरे गुट की पूर्व नगरसेविका विशाखा राउत, पूर्व मेयर विश्वनाथ महाडेश्वर, स्नेहल आंबेकर, सुजाता सानप, संजय अगलदरे सहित करीब आधा दर्जन नेता कार्यालय के बाहर बैठे रहे। राउत ने कहा कि हम रोज की तरह यहां लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए आए हैं। लेकिन, आने के बाद पुलिस की तैनाती देखकर जब पूछताछ की, तो बताया गया कि शिंदे गुट के लोग आ रहे हैं। हम पहले ही कमिश्नर को पार्टी कार्यालय के बारे में पत्र दे चुके हैं। एक बार फिर हम कमिश्नर को पत्र देंगे। हम मूल बालासाहेब के शिवसैनिक हैं। उन्होंने कहा कि बीएमसी किसी की निजी संपत्ति नहीं है, हमारे साथ 80 से 85 पूर्व नगरसेवक हैं और उनकी संख्या सात से आठ ही है। इसमें पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष यशवंत जाधव, परमेश्वर कदम, समाधान सरवणकर, शीतल म्हात्रे और संतोष खरात जैसे कुछ पूर्व नगरसेवक ही शामिल हैं।


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