करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार का क्या है महत्व

सोलह शृंगार : 1 नवंबर को करवा चौथ मनाया जाएगा। करवा चौथ के दिन सुहागिनें पुरे निर्जला उपवास रखती हैं। महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए रखती है। इस दिन शाम को सोलह शृंगार कर चाँद की पूजा कर व्रत तोड़ती है। करवा चौथ पर सोलह शृंगार का अपना ही एक महत्व है। सभी महिलाओं को इस सोलह शृंगार करना चाहिए। मान्यता है कि सोलह शृंगार करने और तैयार करने से कर्मा माता प्रसन्न होती हैं।इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताएं भी हैं, जिनमें कई ग्रहों के दोष से मुक्त होने की बात कही गई है।जानिये आखिर क्या है सोलह शृंगार का महत्व :

सोलह शृंगार का महत्व
1. मांग में सिन्दूर: सिन्दूर शादीशुदा महिलाओं का सबसे पहला और अहम श्रृंगार होता है। ये शादी की पहली निशानी है. मान्यता है कि इसे लगाने से पति की उम्र बढ़ती है।
2. बिंदी: कुमकुम की बिंदी पवित्र मानी जाती है और इसे माथे पर लगाने से गुरु की शक्ति बढ़ती है।
3. काजल: काजल न सिर्फ आंखों की खूबसूरती बढ़ाता है बल्कि मंगल दोष से भी छुटकारा दिलाता है।
4. मेहंदी: मेहंदी न सिर्फ हाथों की खूबसूरती बढ़ाती है बल्कि इसे बेहद शुभ भी माना जाता है। इससे पति के प्रति प्रेम बढ़ता है।
5. चूड़ियाँ: लाल हरी चूड़ियाँ विवाह, सुख और समृद्धि का प्रतीक हैं।
6. मंगलसूत्र: पति-पत्नी को रिश्ते में बांधने वाला मंगलसूत्र बहुत पवित्र माना जाता है। इसके काले मोती बुरी नज़र से बचाते हैं।
7. नथ : इसे नाक में पहना जाता है। यह काफी शुभ है. इसे धारण करने से बुध ग्रह का अशुभ प्रभाव दूर हो जाता है। इसे सोने, चांदी या लौंग के साथ नाक में पहना जाता है।
8. गजरा: खुशबू और सुंदरता के लिए बालों के पीछे पहना जाता है।
9. बिंदी : इसे माथे पर माथे के मध्य में लगाया जाता है। यह विनम्रता, सादगी और पवित्रता का प्रतीक है।
10. बालियां: झुमका, झुमके या बालियां सोने के आभूषण हैं। इसे धारण करने से राहु और केतु दोष दूर हो जाता है। इसे ससुराल वालों की बुराई सुनने या बोलने से बचने का एक साधन भी माना जाता है। इसे धारण करना बहुत पवित्र माना जाता है।
11. बाजूबंद: यह सोने या चांदी से बनी चूड़ी के आकार का खूबसूरत आभूषण है, जिसे बांह में पहना जाता है। इससे परिवार के धन और समृद्धि की रक्षा होती है।
12. कमरबन्ध : इसे तगादि भी कहते हैं। इसे कमर के चारों ओर पहना जाता है। इससे पता चलता है कि एक विवाहित स्त्री अपने घर की स्वामिनी होती है।
13. बिछिया : बिछिया या बिच्छू पैर की उंगलियों में पहना जाता है। इससे शनि और सूर्य दोष से राहत मिलती है। इसे महिलाओं की प्रगति और साहस का प्रतीक भी माना जाता है।
14. पायल पैरों की खूबसूरती बढ़ाने वाली पायल चांदी की बनी होती है।
15. अंगूठी: यह विवाहित पुरुष या महिला का प्रतीक है। सगाई के दौरान पति-पत्नी एक-दूसरे को बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में पहनाते हैं।
16. नहाना : सजने संवरने का पहला कदम नहाना है। कोई भी मेकअप लगाने से पहले नियमित रूप से स्नान करें। स्नान में शिकाकाई, भृंगराज, आंवला, उबटन और कई अन्य सामग्रियां मिलाई जाती हैं। तो तैयार हो जाओ। अगर दुल्हन है तो वह लाल लहंगा पहनती है, जिसमें हरे और पीले रंग का भी इस्तेमाल किया जाता है।