गाजियाबाद बीएड में दाखिला लेने से कतरा रहे विद्यार्थी

उत्तरप्रदेश : बीएड वालों को बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए अमान्य करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिले के छात्रों में बीएड के प्रति रुचि कम हुई है. यही वजह है कि छात्रों ने बीएड के लिए आवेदन तो खूब किए मगर अब दाखिला लेने से कतरा रहे हैं. हाल ये है कि कॉलेजों को छात्रों से बात कर बीएड के फायदे बताने के साथ कम फीस का प्रलोभन देना पड़ रहा है.

पहले जिले के जिन कॉलेजों में पहले और दूसरे राउंड की काउंसलिंग में सभी सीटें फुल हो जाती थीं, वहीं अब दूसरे राउंड की काउंसलिंग में भी सीटें नहीं भर पाई हैं. जबकि पिछले वर्ष कई कॉलेजों में पहले राउंड में ही 60 फीसदी सीटों पर दाखिले हो गए थे. दूसरे राउंड तक कई कॉलेजों में सीटें फुल हो गई थीं. वहीं दूसरी तरफ छात्रों की रुचि अब डीएलएड (बीटीसी) में बढ़ी है. आईएएमआर की बीएड प्रिंसिपल डॉ. आभा श्रीवास्तव ने बताया कि बीएड के लिए आवेदन करने वाले आधे से ज्यादा छात्र अब बीटीसी के बारे में पूछताछ और जानकारी लेने आ रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि इस साल छात्रों ने बीएड में दाखिले के लिए आवेदन तो खूब किए हैं, मगर अब दाखिला लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं.
इसे सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का असर माना जा रहा है, जिसमें बेसिक शिक्षक भर्ती के लिए बीएड की डिग्री को अमान्य घोषित किया गया है. हालांकि अभी नवंबर तक दाखिला प्रक्रिया चलेगी, जिससे दाखिले भी बढ़ेंगे.
पिछले साल के मुकाबले घटी दाखिलों की संख्या
शंभू दयाल कॉलेज में बीएड की 100 सीट पर अब तक मात्र 30 दाखिले हुए हैं. कॉलेज प्राचार्य प्रो अखिलेश मिश्र ने बताया कि पिछले साल कुल 79 दाखिले हुए थे, मगर इस बार इतने दाखिले होना भी मुश्किल लग रहा है. ऑक्सफोर्ड इंस्टिट्यूट में पिछले साल दूसरी काउंसलिंग तक सभी सीट भर गई थीं, मगर इस साल अभी 65 दाखिले हुए हैं. सुंदरदीप में 100 सीट पर अब तक 55 ही दाखिले हुए हैं. आईएएमआर कॉलेज में 83 और हाईटेक में लगभग 95 दाखिले हो गए हैं.