खदान मालिकों की हड़ताल से �?यरो इंडिया का काम प�?रभावित

13 फरवरी से श�?रू होने वाले �?यरो इंडिया की तैयारियां जोरों पर हैं और नागरिक कार�?यों को तय समय से पहले पूरा करने की कोशिश कर रहे आयोजकों को निर�?माण सामग�?री की कमी से भारी धक�?का लगा है।

खदानों और स�?टोन-क�?रशिंग इकाइयों के मालिकों द�?वारा जारी हड़ताल के कारण कमी सरकार से उनकी क�?छ मांगों को पूरा करने के लि�? कह रही है। सूत�?रों ने कहा कि �?यरो इंडिया स�?थल, येलहंका वाय�? सेना स�?टेशन पर काम पूरा करने के लि�? सैकड़ों भार जेली स�?टोन, �?म-रेत और अन�?य निर�?माण सामग�?री की आवश�?यकता होती है।
“हम जानते हैं कि उन�?हें �?यरो इंडिया के लि�? लगभग 1,400 ट�?रक निर�?माण सामग�?री की आवश�?यकता है। लेकिन हम लाचार हैं। हम अहंकार में नहीं बल�?कि मजबूरी में आंदोलन कर रहे हैं। अगर हम आंदोलन जारी नहीं रखते हैं, तो हम अपनी सारी संपत�?तियों और यहां तक कि जिन घरों में रहते हैं, उन�?हें भी खो देंगे। हम यह भी सम�?ते हैं कि इन परियोजनाओं को पूरा करने के लि�? काम के बाद उन�?हें लगभग तीन सप�?ताह की क�?यूरिंग की जरूरत है। लेकिन क�?या करें, “कर�?नाटक क�?वारी �?ंड स�?टोन क�?रशर ओनर�?स �?सोसि�?शन के अध�?यक�?ष रवींद�?र शेट�?टी ने द न�?यू इंडियन �?क�?सप�?रेस को बताया।
खदान मालिकों का कहना है कि सी�?म से मिलना चाहते हैं
“मैं भी बीजेपी से हूं। हम इस म�?द�?दे को जल�?द से जल�?द स�?ल�?ाने की कोशिश कर रहे हैं। हम कोई रास�?ता निकालने के लि�? म�?ख�?यमंत�?री बसवराज बोम�?मई से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। हम हड़ताल से ख�?श नहीं हैं, लेकिन हमारे पास कोई विकल�?प नहीं बचा है। उन�?होंने हम पर दोग�?ना रॉयल�?टी राशि, लेवी और अन�?य कर लगा�? हैं जो अन�?चित है। �?सा किसी अन�?य राज�?य में नहीं किया गया है,” उन�?होंने कहा।
हड़ताल 21 दिसंबर से चल रही है। बीबी�?मपी के इंजीनियर-इन-चीफ बी�?स प�?रह�?लाद ने कहा, “जहां तक �?यर शो का सवाल है, हम क�?छ निकास मार�?गों के प�?रभारी हैं। वहां बह�?त अधिक निर�?माण कार�?य नहीं है।” लेकिन बीबी�?मपी के सूत�?रों ने प�?ष�?टि की कि प�?राने हवाई अड�?डे के पास �?च�?�?ल अंडरपास और अन�?य प�?रम�?ख परियोजनाओं सहित क�?छ प�?रम�?ख कार�?य हड़ताल के कारण विलंबित हो रहे हैं।
रक�?षा पीआरओ प�?नीता ने कहा कि वह अधिकारियों से संपर�?क करेंगी और इस म�?द�?दे पर वापस आ�?ंगी। सूत�?रों ने कहा कि बेंगल�?र�? और राज�?य के अन�?य हिस�?सों में काम करने वाले क�?छ ठेकेदारों को आंध�?र प�?रदेश और तमिलनाड�? से निर�?माण सामग�?री मिल रही है। वे पहचान से बचने के लि�? इसे विषम समय में ले जा रहे हैं। सूत�?रों ने कहा कि अगर हड़ताल जारी रहती है तो रॉयल�?टी और अन�?य करों से सरकारी खजाने को लगभग 10,000 करोड़ र�?पये का न�?कसान हो सकता है।
क�?रेडिट: newindianexpress.com