पॉलीहाउस नए मानकों से स्थानीय कारोबारी नाराज

उत्तराखंड | राज्य में पॉलीहाउस विकसित करने वाली कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के मानकों का विरोध शुरू हो गया है। उद्यान विभाग की शर्त के अनुसार, क्लस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस बनाने की राज्य की योजना में वही कंपनी रजिस्ट्रेशन करा सकती है जिसका तीन साल का औसत टर्नओवर कम से कम सौ करोड़ रुपये हो। साथ ही उसे पांच करोड़ रुपये की बैंक गारंटी देनी होगी। स्थानीय कंपनियां यह शर्त पूरी नहीं कर पा रही हैं। पहले सालाना टर्नओवर दो करोड़ और बैंक गारंटी केवल पांच लाख रुपये ही थी।

लोकल कारोबारियों को आशंका है कि 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर की शर्त से स्थानीय व छोटी कंपनियों इस योजना से बाहर हो जाएंगी। उन्होंने आशंका जताई कि बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए मानकों को सख्त बनाया गया है। उद्यान विभाग के कैंप आफिस में मंगलवार को विभागीय अधिकारियों के सामने पॉलीहाउस मेन्यूफैक्चरर एसोसिएशन पदाधिकारियों ने प्री-बिड प्रक्रिया के तहत आपत्तियां रखीं। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी, उद्यान मंत्री गणेश जोशी से मानक सरल करने की मांग की। बैठक में विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ.रतन कुमार, उप निदेशक डॉ.रजनीश कुमार, स्टॉफ अफसर नरेंद्र यादव व एसोसिएशन से उपाध्यक्ष श्वेतांग जैन, प्रशांत नेगी, जेएसबिष्ट, मानवेंद्र हरबोला, कौशल कुमार, अनिल रावत शामिल हुए।
बायोमैट्रिक हाजिरी का बहिष्कार
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि टीचर्स वैलफेयर सोसाइटी की बैठक में समस्त संकाय सदस्यों ने बायोमैट्रिक पंजीकरण और हाजिरी का बहिष्कार किया। उन्होंने कहा कि 16 अक्तूबर से 20 अक्तूबर तक होने वाली पंजीकरण प्रक्रिया में कोई भी शिक्षक शामिल नहीं होंगे। जो संकाय सदस्य पंजीकरण कराएंगे, उन की सदस्यता संगठन से स्वत समाप्त मान ली जाएगी।
मंगलवार को बिड़ला में हुई बैठक में शिक्षकों ने कहा कि पांच दिवसीय कार्य दिवस की मांग लंबे समय से हो रही है। गत चार मई को कुलसचिव को दिए 18 बिंदुओं के ज्ञापन में पांच दिनी सप्ताह की मांग प्रमुखता से रखी थी। उसे आज तक कार्यान्वित नहीं किया गया, उल्टे बायोमैट्रिक उपस्थिति करने को निर्देशित किया गया है। शिक्षक संघ इसका पूर्ण रूप से विरोध करता है।