हिमाचल : हरोली के अप्पर बढ़ेड़ा गांव में अवैध रूप से संचालित नशा निवारण केंद्र का भंडाफोड़

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के हरोली क्षेत्र के अप्पर बढ़ेड़ा गांव में अवैध रूप से संचालित एक नशा छुड़ाओं केंद्र का स्थानीय पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस कार्रवाई के दौरान उक्त केंद्र से करीब 33 लोगों को छुड़ाया गया, जो वहां उपचाराधीन थे। छुड़ाए गए लोगों में अधिकतर पंजाब के अलग-अलग जिलों से संबंध रखते हैं। हैरत की बात यह है कि केंद्र में रखे गए लोगों के उपचार के लिए यहां कोई चिकित्सक या विशेषज्ञ मौजूद नहीं था। मामले में कुल छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बताया जा रह है कि हरोली पुलिस को रविवार शाम को गुप्त सूचना मिली थी कि अप्पर बढ़ेड़ा गांव में एक नशा छुड़ाओं केंद्र अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है।

सूचना मिलने पर एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, डीएसपी हरोली मोहन रावत, बीएमओ हरोली संजय मनकोटिया सहित पुलिस की टीम के देर शाम बताए गए दो मंजिला मकान में छापेमारी की। इस दौरान इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर 33 युवक उपचाराधीन पाए गए। वहीं मौके पर मिले केंद्र की देखरेख करने वाले दो व्यक्ति केंद्र संचालन से जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। उन्होंने पुलिस को बताया कि केंद्र का संचालन बीते करीब छह माह से हो रहा है। वहीं, मौके पर एक महिला भी मिली, जोकि केंद्र में खाना बनाने का कार्य करती थी। इसके अलावा केंद्र से जुड़े चार अन्य आरोपी मौके पर नहीं मिले।
इलाज के बदले लिए 20,000 रुपये
केंद्र में भर्ती लोगों ने बताया कि केंद्र संचालकों ने इलाज के बदले उनके परिवार से 20,000 की राशि ली। संचालकों ने उन्हें अपना केंद्र पंजीकृत होने की बात कहकर ठगा है। उन्हें केंद्र के एक बड़े हाल में रखा गया और बाहर से ताला लगा दिया जाता। कहा कि साफ-सफाई के अलावा अन्य व्यवस्थाएं व जरूरी स्टाफ भी केंद्र में नहीं है। डीएसपी हरोली मोहन रावत ने बताया कि मामले की जांच जारी है। जल्द सभी आरोपियों को काबू कर उनसे पूछताछ की जाएगी। जबकि केंद्र में मिले उपचाराधीन लोगों को परिजनों को बुलाकर उनके हवाले किया जा रहा है।