पूर्व मुख्यमंत्री की जमानत याचिका पर आदेश हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा

अमरावती। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को एपी राज्य कौशल विकास निगम (एपीएसएसडीसी) से संबंधित कथित घोटाला मामले में तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अंतरिम जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। उम्मीद है कि अदालत मंगलवार को अपना आदेश सुनाएगी। मुख्य जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख भी मंगलवार को तय की जाएगी। विजयवाड़ा एसीबी कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज करने के बाद नायडू ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। बाद में उनके वकील ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी।

नायडू के वकीलों ने 26 अक्टूबर को एक हाउस मोशन याचिका दायर की, जिसमें अदालत से जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया गया, क्योंकि उनकी दाहिनी आंख की मोतियाबिंद की सर्जरी होनी थी। जब अगले दिन याचिका सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति वेंकट ज्योतिर्मयी प्रताप के सामने आई, तो उन्होंने खुद को यह कहते हुए उससे अलग कर लिया : “मेरे सामने नहीं”।
बाद में याचिका दूसरी पीठ को रेफर कर दी गई। नायडू की ओर से डी. श्रीनिवास ने मामले की पैरवी की. वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने वर्चुअली अपनी दलीलें पेश कीं। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पी. सुधाकर रेड्डी ने मामले की पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। मुख्य जमानत याचिका पर कोर्ट ने कहा कि वह मंगलवार को सुनवाई की तारीख तय करेगी। विजयवाड़ा एसीबी अदालत ने 9 अक्टूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सुप्रीमो ने आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। सीआईडी ने नायडू को कौशल विकास घोटाले में 9 सितंबर को गिरफ्तार किया था, जो कथित तौर पर उनके मुख्यमंत्री रहते हुए हुआ था। वह न्यायिक हिरासत में रहे और इस समय राजामुंदरी सेंट्रल जेल में बंद हैं।