दिवाली पर दिया है महंगा गिफ्ट, जान लीजिए अब कैसे लगेगा टैक्स

दिवाली का त्योहार चल रहा है, इस दौरान एक-दूसरे को उपहार देने की परंपरा है। आपने न केवल अपने प्रियजनों को उपहार दिए होंगे बल्कि आपको कई उपहार मिले भी होंगे, लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि ये उपहार आपको परेशानी में डाल सकते हैं क्योंकि उपहार के रूप में प्राप्त सामान और पैसे आयकर के दायरे में आते हैं। इसलिए इसे समझें. यह समझना बहुत जरूरी है कि आपको किन चीजों पर टैक्स देना पड़ सकता है और आप कहां छूट का लाभ ले सकते हैं।

50 हजार रुपये तक के उपहार पर कोई टैक्स नहीं
एक वित्तीय वर्ष में 50,000 रुपये तक के उपहार पर कोई टैक्स नहीं है. इससे ऊपर के गिफ्ट पर आपको टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स देना होगा. आपके द्वारा प्राप्त नकदी और सामान का मूल्य कुल मूल्य में जोड़ा जाता है और उस पर कर लगाया जाता है। यदि उपहार के रूप में प्राप्त सामान और नकदी का योग 50 हजार रुपये से कम है, तो आप निश्चिंत हो सकते हैं कि इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। उपहार के रूप में प्राप्त धन या सामान को अन्य स्रोतों से आय माना जाता है। जमीन, घर, शेयर, आभूषण, ऐतिहासिक वस्तुएं, पेंटिंग, कलाकृतियां और सोना-चांदी के लेनदेन पर बाजार मूल्य के हिसाब से टैक्स की गणना की जाती है।
जिनसे प्राप्त उपहार कर मुक्त होते हैं
एक और बात जो यहां बहुत महत्वपूर्ण है वह यह है कि अगर आपके रिश्तेदार कोई उपहार देते हैं तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगता है, भले ही वह रकम 50 हजार रुपये से ज्यादा ही क्यों न हो। यहां यह भी जानना जरूरी होगा कि किस रिश्तेदार से मिला कौन सा उपहार आपको इनकम टैक्स से बचा सकता है. जीवनसाथी, भाई या बहन, माता-पिता और जीवनसाथी के माता-पिता, और पोते-पोतियां और उनके जीवनसाथी आपको कर मुक्त उपहार दे सकते हैं।
उपहार छिपाना महंगा पड़ सकता है
अगर आपको उपहार में कोई महंगी वस्तु या पैसा मिला है तो उसे सरकार से न छिपाएं, नहीं तो आपको 200 फीसदी तक जुर्माना भरना पड़ सकता है। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय सरकार को ये जानकारी ध्यान से दें. इसके साथ ही सभी महंगे उपहारों का रिकॉर्ड रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप उनकी कीमत, किसने और कब दिया जैसी जानकारी बता सकें। अगर आप समझदारी से काम लेंगे तो भविष्य में किसी परेशानी में नहीं पड़ेंगे।
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