तेजस लड़ाकू विमान में पीएम मोदी ने भरी उड़ान

बेंगलुरु: बेंगलुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने तेजस विमान में उड़ान भी भरी।

विमान की खासियतें उड़ा देंगी दुश्मनों के होश
इस लड़ाकू विमान की ताकत को अमेरिका जैसे ताकतवर देश ने भी सराहा है। इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में हल्के लड़ाकू विमान को शामिल करने की तैयारी साल 1983 से शुरू हो गई थी। 21 साल की मेहनत आखिरकार रंग लाई और साल 2001 में स्वदेश में बने हल्के लड़ाकू विमान ने पहली बार उड़ान भरी।
साल 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस हल्के लड़ाकू विमान को ‘तेजस’ नाम दिया। भारतीय वायुसेना ने एक जुलाई, 2016 को पहली तेजस यूनिट का निर्माण करके विमान को सेवा में शामिल किया था। तेजस को सबसे पहले वायुसेना के स्क्वाड्रन नंबर 45 ‘फ्लाइंग डैगर्स’ ने शामिल किया था।
Successfully completed a sortie on the Tejas. The experience was incredibly enriching, significantly bolstering my confidence in our country’s indigenous capabilities, and leaving me with a renewed sense of pride and optimism about our national potential. pic.twitter.com/4aO6Wf9XYO
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2023
रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो तेजस आठ से नौ टन भार ले जा सकता है। वहीं, ये विमान सुखोई की तरह कई तरह के हथियार और मिसाइल ले जा सकता है।
यह विमान इलेक्ट्रानिक रडार, दृश्य सीमा से परे (BVR) मिसाइल, इलेक्ट्रानिक वारफेयर (EW) सूट और हवा से हवा में ईंधन भरने (AAR) की महत्वपूर्ण परिचालन क्षमताओं से लैस है।