‘आत्महत्या के लिए माफ कर देना..’ , सुसाइड नोट लिख छात्र ने मौत को लगाया गले

- वह छात्रावास संख्या दस के कमरा संख्या 391 में रहता था।
रांची: रांची के मेसरा स्थित बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग (बीआईटी) में बीटेक के छात्र सौरभ सुमन ने गुरुवार की रात लगभग आठ बजे कॉलेज छात्रावास के अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 22 साल का सौरभ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन संकाय में दूसरे वर्ष का छात्र था। वह छात्रावास संख्या दस के कमरा संख्या 391 में रहता था।

घटना की जानकारी मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने उसके कमरे में लगे लोहे के दरवाजे को गैस कटर से कटवाया। इसके बाद पंखे से प्लास्टिक की रस्सी से बने फंदे से झूलते सौरभ के शव को बरामद किया। उसके कमरे से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें सौरभ ने अपने मां-पिता से माफी मांगी है। सौरभ जमशेदपुर के टेल्को मनिफीट के रामदास माइल लाइन निवासी अपने चाचा भैयाराम चौधरी के घर से पूजा की छुट्टी के बाद बुधवार को ही संस्थान वापस लौटा था।
छात्र सौरभ के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस के मुताबिक सादे कागज पर चार-पांच लाइन में लिखे सुसाइड नोट को संभवत मृतक छात्र ने आत्महत्या करने से पहले अपनी मां और पिता को संबोधित कर लिखा था। इसमें मां और पिता को जीवन के हर क्षण में सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए आत्महत्या के लिए क्षमा करने का आग्रह किया है। वहीं, जमशेदपुर में प्रिटिंग प्रेस का संचालन कर जीविका चलाने वाले सौरभ के चाचा घटना की जानकारी मिलते ही स्तब्ध रह गए। वह कुछ देर तक एकदम से शांत हो गए।
छात्रों की आत्महत्या के पीछे एक बड़ा कारण अज्ञात डिप्रेशन होता है। छात्रों में करियर से असंतुष्टि, मन का कोर्स नहीं कर पाना अतिरिक्त दबाव है। माता-पिता का दबाव, कई बार पेपर बैक जैसी छोटी असफलता को भी नहीं पचा पाना भी कारण है। साथ ही मेलजोल की कमी भी एक कारण बनती है। आजकल के दौर में छात्र अपने दोस्तों से भी सभी बात नहीं कर पाते। खुद में ही परेशान रहते हैं। इसलिए अब संस्थानों लगातार मानसिक अवसाद से बचने को लेकर जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाने चाहिए।