जोखिम की दवा
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Written by जनसत�?ता: मगर पिछले तीन महीने के भीतर यह दूसरी बार है, जब खांसी से आराम के लि�? दी गई दवा से कई बच�?चों की मौत की खबर आई। खबरों के म�?ताबिक, उज�?बेकिस�?तान के स�?वास�?थ�?य मंत�?रालय ने वहां अठारह बच�?चों की मौत के लि�? भारत में बनने वाली खांसी की दवा को जिम�?मेदार ठहराया।
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जाहिर है, अगर दवा के असर से ही इतनी संख�?या में बच�?चों की मौत हो गई, तो यह बेहद चिंताजनक मामला है। फिलहाल उज�?बेकिस�?तान से आई खबर के मद�?देनजर भारत में केंद�?रीय औषधि मानक नियंत�?रण की टीम की ओर से निरीक�?षण के बाद संबंधित कंपनी की नो�?डा इकाई में सभी उत�?पादन गतिविधियों को रोक दिया गया है। हालांकि इस मामले में जांच की प�?रक�?रिया के किसी नतीजे पर पह�?ंचने के बाद ही यह साफ हो सकेगा कि अगर बच�?चों की जान जाने की वजह यह दवा थी, तो उसमें मिला�? ग�? कौन-से रसायन इसके लि�? जिम�?मेदार थे।
गौरतलब है कि करीब तीन महीने पहले अफ�?रीकी देश गांबिया में भी भारत की �?क कंपनी की खांसी की दवा लेने से साठ से ज�?यादा बच�?चों की मौत की खबरें आई थीं। हालांकि उस घटना के बाद दवा के ही घातक होने को लेकर कोई ठोस निष�?कर�?ष सामने नहीं आ सका था। लेकिन किसी दवा के असर से कई मरीजों के भीतर समान प�?रतिक�?रिया होती है, तब इस बात की आशंका पैदा होती है कि क�?या इसे किसी रासायनिक मिश�?रण का द�?ष�?परिणाम माना जा सकता है! उस समय विश�?व स�?वास�?थ�?य संगठन यानी डब�?लू�?चओ ने इसे लेकर �?क रिपोर�?ट जारी की थी, जिसके म�?ताबिक आरोपों के घेरे में आई खांसी की क�?छ दवा�?ं इंसान के लि�? जहर की तरह हैं।
डब�?लू�?चओ का कहना है कि इथिलेन ग�?लाइकाल दरअसल ‘कार�?बन कंपाउंड’ है, जिसमें न ख�?शबू होती है और न कोई रंग। यह मीठा होता है, जिसे बच�?चों के लि�? तैयार खांसी की दवा में इसलि�? मिलाया जाता है, ताकि वे उसे आसानी से पी सकें। लेकिन अगर किन�?हीं वजहों से इसकी मात�?रा में असंत�?लन हो जाता है, तो यही दवा जानलेवा साबित हो सकती है। यही वजह है कि ये दवा�?ं अमेरिका, आस�?ट�?रेलिया और यूरोप के कई देशों में प�?रतिबंधित हैं।
सवाल है कि क�?या दवा तैयार करने में इस रसायन के संत�?लित प�?रयोग का ध�?यान नहीं रखा गया? या फिर बच�?चों को यह दवा देते समय मात�?रा और ख�?राक की सीमा का खयाल रखने में चूक ह�?ई? इन पहल�?ओं का जवाब विस�?तृत जांच के बाद ही सामने आ�?गा। मगर यह तथ�?य है कि �?सी कई प�?रतिबंधित दवा�?ं क�?छ देशों में ख�?लेआम उपलब�?ध होती हैं और कई बार ख�?द चिकित�?सक भी उसे लेने की सलाह दे देते हैं।
आखिर किसी दवा पर पाबंदी की वजह यही होती होगी कि उसमें मौजूद कोई रसायन या तत�?त�?व मरीजों की सेहत या जान तक के लि�? जोखिम भरा या जानलेवा साबित हो सकता है! सही है कि लोग किसी तकलीफ से निजात के लि�? बिना चिकित�?सीय सलाह के भी कोई दवा खरीद लेते हैं, जो घातक हो सकती है।
मगर द�?निया में कहीं भी प�?रतिबंधित कोई दवा ख�?ले बाजार में कैसे बेची जाती है? जरूरत यह है कि �?लोपैथी दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ कंपनियों के दवा निर�?माण से लेकर उसके कारोबार तक पर भी सख�?त निगरानी रखी जा�?, ताकि जिंदगी बचाने या कोई तकलीफ दूर करने की हड़बड़ी में ली गई कोई दवा जानलेवा न साबित हो!