अहोई अष्टमी पर करें ये चमत्कारी उपाय,मिलेंगी कई सफलताएं

ज्योतिष न्यूज़: हिंदू धर्म में कई सारे व्रत त्योहार हैं और सभी का अपना महत्व है लेकिन संत की खुशहाली और उनकी उन्नति के लिए रखा जाने वाला अहोई अष्टमी व्रत बेहद ही खास होता है जो माताएं अपनी संतान के लिए रखती हैं। पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 5 नवंबर दिन रविवार यानी कल रखा जाएगा।

बता दें कि अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए किया जाता है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष कार्तिक मास की अष्टमी 4 नवंबर की रात 1 बजे प्रारंभ होगी जो कि 5 नवंबर की देर रात 3 बजे 19 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में अहोई अष्टमी व्रत 5 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन अहोई माता की पूजा शुरू करके माताएं संत की रक्षा और सुखी जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं लेकिन इसी के साथ अगर अहोई अष्टमी पर कुछ उपाय भी किए जाएं तो संत की रक्षा होती है साथ ही उन्हें बहुत सारी संतानें भी मिलती हैं तो आज हम आपको नृत्य मंचों के बारे में बता रहे हैं।
अहोई अष्टमी पर करें ये खास उपाय—
ज्योतिष शास्त्र अहोई अष्टमी के दिन साध्यकाल में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के पांच दीपक जलाने के साथ ही संत की सुखी जीवन की कामना की जाती है। माना जाता है कि इस उपाय को करने से अहोई माता सभी के मन की बात पूरी कर लेती है। इसके अलावा इस दिन घर में जो भी दोस्त हो उसका कुछ हिस्सा गाय और शेल्डे को जरूर दें। ऐसा करने से भी माता की कृपा प्राप्त होती है।
अहोई अष्टमी के शुभ दिन पर पति-पत्नी को मिलाकर अहोई माता को सफेद फूलदान करना चाहिए फिर शाम के वक्त तय को जल देकर पूजा करनी चाहिए। सिद्धांत है कि ऐसा करने से संत के जीवन में आने वाला संकट समाप्त हो जाता है और सुख शांति बनी रहती है। इसके अलावा अहोई अष्टमी पर तुलसी पूजन और दैनिक पूजा करने से संत के जीवन की प्राप्ति दूर हो जाती है और सुख शांति और आशीर्वाद मिलता है।
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